जयराम रमेश ने विवेक डोभाल से माफी मांगी,दिल्ली कोर्ट ने मानहानि का केस बंद किया
LiveLaw News Network
19 Dec 2020 5:09 PM IST
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल द्वारा इंडियन नेशनल कांग्रेस नेता जयराम रमेश के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को शनिवार को दिल्ली कोर्ट ने रमेश द्वारा माफी मांगने के बाद बंद कर दिया है।
रमेश ने अपने माफीनामे में कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनके द्वारा दिए गए कथित अपमानजनक बयान का निष्कर्ष द कारवां मैगजीन में प्रकाशित एक लेख से निकाला गया था और जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ता गया, उन्होंने महसूस किया कि शायद बयानों को प्रकाशित करने से पहले एक स्वतंत्र सत्यापन किया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा, ''हालांकि, आम चुनाव नजदीक थे और लेख में उठाए गए सवाल आपके और आपके परिवार के खिलाफ कुछ परोक्ष संकेत देने के लिए उपयुक्त थे।
इस प्रकार, अगर उस बयान से कोई भी आहत पहुंची हैं तो मैं उसके लिए आपके और आपके परिवार से माफी की पेशकश करता हूं।''
उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से भी उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध प्रासंगिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को हटाने का आग्रह किया है।
इस मामले की शुरुआत विवेक डोभाल की ओर से रमेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद की गई थी। यह कॉन्फ्रेंस कारवां मैगजीन के 'द डी कंपनीज'शीर्षक के साथ प्रकाशित लेख पर आधारित थी।
अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, राउज एवेन्यू के सामने पेश होते हुए, रमेश ने कहा कि डोभाल के खिलाफ उनके द्वारा लगाए गए आरोप क्षणिक उत्साह का परिणाम थे। डोभाल ने उनकी माफी स्वीकार कर ली है।
विवेक डोभाल ने 'द डी कंपनीज' नामक लेख के प्रकाशन के बाद मैगजीन द कारवां और पत्रकार कौशल श्रॉफ के खिलाफ भी मामला दायर किया था। मैगजीन और श्रॉफ के खिलाफ मामला अभी भी चल रहा है।
अदालत ने डोभाल की शिकायत के बाद रमेश, द कारवां मैगजीन के संपादक और उसके रिपोर्टर को 25 अप्रैल को आरोपी के रूप में तलब किया था।
कारवां ने अपने लेख में आरोप लगाया था कि विवेक डोभाल, ''केमैन द्वीप में एक हेज फंड चलाते हैं'' जो ''एक स्थापित टैक्स हैवेन''है।
इससे पहले, विवेक ने अदालत के सामने अपना बयान दर्ज करवाया था, जिसमें कहा गया था कि मैगजीन द्वारा लगाए गए सभी आरोप और बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में रमेश द्वारा जिनको दोहराया गया था, पूरी तरह से ''निराधार'' और ''झूठे'' थे। इन आरोपों ने परिवार के सदस्यों और पेशेवर सहयोगियों की नजर में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।
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