BREAKING: शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं, अब 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

Shahadat

1 April 2024 7:00 AM GMT

  • BREAKING: शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं, अब 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

    दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब नीति घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्हें 21 मार्च की रात को गिरफ्तार किया गया था।

    राउज़ एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल सीबीआई न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने ED द्वारा आगे की रिमांड की मांग नहीं करने के बाद यह आदेश पारित किया।

    ED के वकील ने कहा,

    "हम न्यायिक हिरासत की मांग कर रहे हैं, जो सेंथिल बालाजी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आगे की हिरासत मांगने के अधिकार के अधीन है।"

    केजरीवाल को ED हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया। 22 मार्च को ट्रायल कोर्ट ने उन्हें छह दिन की ED हिरासत में भेज दिया, जिसे चार दिन के लिए बढ़ा दिया गया।

    केस के बारे में

    केजरीवाल ने ED द्वारा उन्हें जारी किए गए नौ समन को नजरअंदाज किया था। इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह भी आरोपी हैं और फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

    अपनी गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल ने तुरंत अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वर्तमान याचिका दायर की। हालांकि, बाद में इसे वापस ले लिया गया।

    इसके अलावा, उन्होंने पहले केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (डिवीजन बेंच) का रुख किया। उन्होंने अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए आवेदन भी दायर किया। मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को तय की गई।

    इससे पहले, ED ने केजरीवाल के खिलाफ शहर के राउज एवेन्यू कोर्ट में दो आपराधिक शिकायतें दर्ज की थीं, जिसमें उन पर समन का पालन न करने का आरोप लगाया गया। केजरीवाल ने समन को गैरकानूनी बताते हुए नजरअंदाज कर दिया।

    हाल ही में, दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को किसी भी अंतरिम राहत से इनकार किया था और गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर केवल नोटिस जारी किया था।

    ED ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली उत्पाद शुल्क घोटाले के "किंगपिन" हैं और 100 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय के उपयोग में सीधे तौर पर शामिल हैं।

    ED का मामला है कि कुछ निजी कंपनियों को थोक व्यापार में 12 प्रतिशत का लाभ देने की साजिश के तहत उत्पाद शुल्क नीति लागू की गई थी। हालांकि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के मिनटों में ऐसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।

    केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया कि थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए विजय नायर और साउथ ग्रुप के साथ अन्य व्यक्तियों द्वारा साजिश रची गई।

    एजेंसी के मुताबिक, नायर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया की ओर से काम कर रहे थे।

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