'शाहीन बाग की दादी' के फोटो को किसान आंदोलन का बताकर ट्वीट करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज

LiveLaw News Network

6 Jan 2021 3:15 AM GMT

  • शाहीन बाग की दादी के फोटो को किसान आंदोलन का बताकर ट्वीट करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज

    बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ किसान आंदोलन में प्रदर्शन करने वाली एक महिला प्रदर्शनकारी की तुलना शाहीन बाग की बिल्कीस दादी से करने पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है।

    73 वर्षीय महिला किसान प्रदर्शनकारी महिंदर कौर ने मजिस्ट्रेट कोर्ट, भटिंडा में यह मुकदमा दायर किया है, जिसमें रानौत के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है। दायर मुकदमें कहा गया कि कंगना से झूठा दावा करते हुए कहा है कि वह 100 रूपये में प्रदर्शन के लिये उपलब्ध है।

    यह दावा किया गया है कि शिकायतकर्ता एक किसान परिवार से संबंधित है और कृषि कानून के खिलाफ पहले दिन से ही प्रदर्शन पर बैठी है और उन्हें एक वृद्ध महिला होने के कारण बहुत असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

    शिकायत में कहा गया है,

    "शिकायतकर्ता छड़ी की मदद के बिना ठीक से चलने में असमर्थ है, लेकिन फिर भी वह आंदोलन और शांतिपूर्ण प्रदर्शन में किसानों का पूरा समर्थन कर रही हैं। शिकायतकर्ता भी आंदोलन में भाग लेने के लिए दिल्ली गई हैं। इन दिनों अत्यधिक ठंड/सर्दी के मौसम के बावजूद शिकायतकर्ता 25/26.11.2020 से दिन-रात सड़कों पर बैठी हैं और हरियाणा राज्य की सीमाओं से गुजरने के दौरान रास्ते में अड़चनों का सामना भी कर रही हैं।"

    यह कहा गया है कि रानौत द्वारा झूठे आरोप लगाए गए कि शिकायतकर्ता वास्तविक प्रदर्शनकारी नहीं है और विरोध प्रदर्शन के दौरान सहानुभूति हासिल करने के लिए उन्हेंं भुगतान किया गया है और इससे उनकी प्रतिष्ठा को कम किया गया है और किसानों के विरोध का मजाक बनाया है।

    याचिका में कहा गया है,

    "शिकायतकर्ता को पहले उसके गांवों और परिचितों द्वारा सम्मान के साथ देखा जाता था, लेकिन सोशल मीडिया पर आरोपियों द्वारा शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठे, अपमानजनक आरोपों और निंदनीय टिप्पणी के स्तर के कारण शिकायतकर्ता का सम्मान गिर गया है। आंदोलन में बैठे अन्य किसान जिन्होंने शिकायतकर्ता से ग्राम बहादुरगढ़ जंडियन में किसान यूनियन के अध्यक्ष के बारे में पूछताछ शुरू की और उन्होंने शिकायतकर्ता को यह कहते हुए वापस जाने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया कि आरोपियों द्वारा गलत ट्वीट के कारण उनका आंदोलन विफल हो सकता है, जिसमें शिकायतकर्ता को एक नकली महिला के रूप में संबोधित किया गया है और भाड़े के आधार पर लाया गया है जो वास्तव में पूरी तरह से गलत आरोप है।"

    शिकायतकर्ता ने इस प्रकार मजिस्ट्रेट कोर्ट से आईपीसी की धारा 499/500 (मानहानि) के तहत रानौत के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश देने और रानौत को सीआरपीसी की धारा 357/357 ए के तहत उचित मुआवजा देने का निर्देश देने की मांग की।

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