मानहानि का मामला | अपील दायर करने के लिए कांग्रेस नेताओं को लाना राहुल गांधी का दबाव बनाने का 'अपरिपक्व कार्य': सूरत कोर्ट में पूर्णेश मोदी ने कहा

Avanish Pathak

12 April 2023 1:38 PM GMT

  • मानहानि का मामला | अपील दायर करने के लिए कांग्रेस नेताओं को लाना राहुल गांधी का दबाव बनाने का अपरिपक्व कार्य: सूरत कोर्ट में पूर्णेश मोदी ने कहा

    गुजरात की सूरत कोर्ट में मानहानी मामले में दायर राहुल गांधी की अपील पर शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने आज अपना जवाब दाखिल किया। उन्होंने राहुल गांधी द्वारा अपील दायर करते समय कांग्रेस के कई नेताओं को लाने को उनका कोर्ट पर दबाव बनाने का 'अपरिपक्व कृत्य' बताया।

    उल्‍लेखनीय है कि मोदी सरनेम टिप्‍पणी मामले में मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी ने सूरत की कोर्ट में अपील दायर की है, पूर्णेश मोदी ने उसी पर जवाब दायर किया है।

    भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने सत्र अदालत के समक्ष दायर अपने जवाब में कहा कि गांधी कई राज्य-स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के साथ एक रैली में आए थे, जो बचकाने अहंकार का बहुत गंदा प्रदर्शन था, क्योंकि वैधानिक अपील दायर करना एक कानूनी औपचारिकता है, जिसका न तो कोई राजनीतिक लाभ लेने के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है और न ही अदालत पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा सकता है।

    मोदी ने गांधी पर उनके सहयोगियों, उनकी पार्टी के नेताओं और अन्य लोगों के माध्यम से अदालत के खिलाफ अनुचित और अवमाननापूर्ण टिप्पणियां करने का भी आरोप लगाया है, जिससे अदालती कार्यवाही और कानून की प्रक्रिया में हस्तक्षेप होता है।

    पूर्णेश मोदी ने जवाब में कहा है कि गांधी के समर्थक अवमाननापूर्ण बयान देते रहे हैं और इस प्रकार, अभियुक्त और उनके राजनीतिक दल के सहयोगी न्यायालय के प्रति अनुचित होने, न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और विचारण न्यायालय और सत्र न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं।

    एडवोकेट हर्षित एस टोलिया के माध्यम से दायर जवाब में आगे कहा गया है कि गांधी ने सजा के फैसले के बाद भी सार्वजनिक मंच पर मानहानिकारक बयान का समर्थन किया है और वह न केवल मानहानिकारक बयान को स्वीकार कर रहे हैं बल्कि उसी का फायदा उठा रहे हैं।

    मोदी ने यह भी दावा किया है कि गांधी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक आलोचना और असहमति के नाम पर इस तरह के अपमानजनक और गैर-जिम्मेदाराना बयान देने की आदत है, जो या तो दूसरों को बदनाम कर सकते हैं या दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। जवाब में गांधी द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए एक बयान के कारण 2019 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष माफी मांगने का उल्लेख है।

    गांधी को दिए गए मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले और सजा का समर्थन करते हुए, मोदी ने यह भी प्रस्तुत किया है कि अदालत के पास दखल देने और उनकी सजा को निलंबित करने का कोई आधार नहीं है क्योंकि दुर्लभतम मामलों में इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।

    गांधी को रिपिटेड अपराधी बताते हुए, मोदी ने प्रार्थना की है कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया जाए।

    गौरतलब है कि 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें लोकसभा के सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि, सत्र न्यायालय ने 3 अप्रैल को उन्हें जमानत दे दी (उनकी अपील के निस्तारण तक)।

    राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला अप्रैल 2019 में करोल में एक राजनीतिक अभियान के दौरान की गई उनकी टिप्पणी "सभी चोर मोदी उपनाम क्यों साझा करते हैं" से संबंधित है।

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