COVID 19: वकीलों को विज्ञापन करने, लॉकडाउन के दौरान वैकल्पिक काम करने की अनुमति दी जाएः सुप्रीम कोर्ट में बीसीआई और राज्य बार काउंसिलों को वांछित परिवर्तन के लिए दिशा निर्देश जारी करने के‌ लिए याचिका

LiveLaw News Network

30 Jun 2020 5:40 PM IST

  • National Uniform Public Holiday Policy

    Supreme Court of India

    सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया को ‌निर्देश देने को कहा गया है कि वह मार्च 2021 तक वकीलों के लिए विज्ञापनों के इस्तेमाल की अनुमति दे, सार्वजनिक लिस्टिंग की अनुमति दे ताकि आजीविका कमाने के लिए वकील अन्य कानूनी काम कर सकें, और उन्हें जीविका के वैकल्पिक साधनों को अर्जित करने की अनुमति दे।

    जनहित याचिका वरिष्ठ स्थायी वकील, आयकर विभाग, चरणजीत चंदरपाल ने दायर की है, जो कि नित्य लॉ सोसायटी के नाम के एक गैर सरकारी संगठन के महासचिव के रूप में भी काम करते हैं।

    याचिका में मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के अधिवक्ताओं को समायोजित करने के लिए मौजूदा नियमों में परिवर्तन करने की आवश्यकता की बात कही गई है, जो आजीविका जुटाने में असमर्थ हैं।

    याचिका में कहा गया है, "ऐसी स्थितियों में, अधिवक्ताओं के अलावा अन्य व्यक्ति, यदि आजीव‌िका के संसाधनों का विकल्प प्रभावित होता है, तो वे अन्य विकल्प की तलाश कर सकते हैं....हालांकि, अगर कोई वकील ...पेशे से बाहर काम करता है तो अधिवक्ताओं के आचरण को नियंत्रित करने वाले नियम इसे पेशेवर कदाचार मानते हैं।"

    इस पृष्ठभूमि में, याचिका में महामारी और लॉकडाउन के कारण वकीलों को हो रहे आय के नुकसान की चर्चा की गई है, जिसके कारण आत्महत्या, अवसाद और जीवन निर्वाह में असमर्थता की खबरें आई हैं।

    याचिका में अनुरोध किया गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों में एक परिपत्र या संशोधन जारी करके या वर्तमान नियमों के निलंबन को जारी करने पर‌िवर्तन किया जाए, साथ-साथ अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 49 के तहत संशोधनों को जारी करने के लिए कहा जाए।

    याचिकाकर्ता का कहना है कि इस अभूतपूर्व संकट के दौर में वकीलों को 5000 या 3000 रुपए देने के बजाय दीर्घकालीन समाधान करने की जरूर है। एक 35 वर्षीय वकील की आत्महत्या के हालिया मामले को की चर्चा करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके कई परिचित वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं और यहां तक ​​कि वरिष्ठ अधिवक्ता भअदालतों के बंद होने के कारण वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं।

    वकीलों की समस्याओं को हल करने के लिए याचिका में निम्नलिख‌ित सुझाव दिए गए हैं:

    1) बार काउंसिल नियमों के नियम 2 के चैप्टर III का स्पष्टीकरण, वकीलों को स्लीपिंग डायरेक्टर या स्लीपिंग पार्टनर बनने की इजाजत दी जाए ताकि उन्हें "लीगल रिटेनर्स" और संगठनों में कानूनी सलाहकार के रूप में शामिल किया जा सके क्योंकि इस संबंध में गलत इंप्रेशन हैं।

    2) एक परिपत्र जारी किया जाए, जिसमें विज्ञापन और व्हाट्सएप संदेशों की अनुमति दी जाए जिसमें अधिवक्ता आयकर सहायता, जीएसटी सहायता, सोसाइटी का पंजीकरण, ट्रस्टों को ऑनलाइन फाइलिंग मामलों में सहायता आदि के काम ले सकें।

    3) COVID 19 को ध्यान में रखते हुए, अधिवक्ताओं को वैकल्पिक साधनों के जर‌िए आजीविका अर्जित करने की अनुमति दी जाए, साथ-साथ यह कि मार्च 2021 के बाद यह जारी नहीं रहेगा।

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