COVID-19:कानूनी ब‌िरादरी के लिए नतीजे और अवसर

LiveLaw News Network

17 July 2020 5:58 AM GMT

  • COVID-19:कानूनी ब‌िरादरी के लिए नतीजे और अवसर

    प्रखर दीक्षित, रोज पी साजन

    COVID-19 महामारी को जापानी वित्त मंत्री तारो एसो के शब्दों से बेहतर, भला क्या समझा सकता है, "कोरोनावायरस का संक्रमण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है, जिसके कारण, उत्पादन गतिविधियों में रुकावट, आवागमन और आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाधा के जर‌िए वृहद अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।"

    मानव जीवन पर इसके विनाशकारी प्रभावों के अलावा, जिसमें 11 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, 543,605 मौतें हो चुकी हैं, नॉवेल कोरोनावायरस (COVID-19) ने न केवल चीनी अर्थव्यवस्था को न झटका दिया है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी पटरी से उतार दिया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि हम 2009 जैसी या उससे भी खराब मंदी के दौर में प्रवेश कर चुके हैं। 2021 में अर्थव्यवस्था के पुनर्जीवित होने की उम्मीद है, बशर्ते कि हम जल्द से जल्द वायरस को रोक पाएं। हालांकि इटली में बढ़ रही मौतों की संख्या, अमेरिका में 1.4 मिलियन से अधिक मामलों की पुष्टि और यूके में 6 महीने के लॉकडाउन की तैयारी के बाद यह दूर की संभावना प्रतीत होती है।

    वायरस के कारण होने वाले नुकसान को समझने के लिए हमें तीन ऐसे क्षेत्रों का विश्लेषण करना पड़ेगा, जिनमें बाधा पड़ी है, वह हैं-मांग, आपूर्ति और वित्त। मांग के पहलू पर, गिरती आय; संक्रमण का डर; काम के घंटे में कमी; संभावित छंटनी; टीके की अनुपस्थिति का विशेष रूप से सेवा क्षेत्र पर हानिकारक प्रभाव पड़ा है। आपूर्ति श्रृंखला पर, सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में विनिर्माण गतिविधियों में अचानक आए ठहराव के कारण से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अड़चनें आएंगी। चीन विदेश में विनिर्माण कंपनियों के लिए मध्यवर्ती आपूर्ति का मुख्य आपूर्तिकर्ता है और वैश्विक व्यापार का 20% हिस्सदार है। जब चीनी कारखानों को बंद हुए थे, तो शेष विश्व की उत्पादन गतिविधयों में अत्यधिक देरी हुई थी। अब चूंकि चीन अपने कारखानों को फिर से खोल रहा है, लेकिन विदेशों की निर्माण कंपनियों को उत्पादों को खरीदने और उन्हें चीन से मंगाने में काफी मुश्किल हो रही है। COVID-19 जिस प्रकार एक एक अभूतपूर्व ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी पेश कर रहा है, वह लिक्विडिटी के खत्म होने, ऋण प्रदान करने और अनुबंध संबंधी दायित्वों को पूरा करने के रूप में वित्तीय संकट भी पैदा कर रहा है।

    तथ्य की बात के रूप में, मांग, आपूर्ति या वित्तीय व्यवधान, कानूनी क्षेत्र को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं कर सकते हैं अप्रत्यक्ष रूप से गहरा प्रभाव डालते हैं। 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट और भारत में 2013 के आर्थिक संकट के बाद, भारतीय कानूनी बिरादरी यह समझ चुकी है कि कानूनी पेशे पर मंदी का असर नहीं पड़ता, सच नहीं है। पिछले दो दशकों में कानूनी क्षेत्र का तेजी से विस्तार हुआ है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय कानूनी पेशेवरों का शीर्ष निकाय) के विजन स्टेटमेंट 2011-2013 के अनुसार, भारतीय कानूनी पेशे में लगभग 1.2 मिलियन पंजीकृत वकील, लगभग 950 लॉ स्कूल और देश भर में लगभग 400-500 हजार लॉ छात्र हैं।दुनिया भर में यह संख्या बढ़ी है।

    उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में, 203 लॉ स्कूल हैं, जो अमेरिकन बार एसोसिएशन (एबीए) द्वारा अनुमोदित हैं, जो कि जूरिस डॉक्टर (जेडी) की डिग्री प्रदान करते हैं। 2019 में लॉ स्कूलों में 132,684 नामांकन हुए, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 2 प्रतिशत की बढ़त है। 2017-18 तक, 26,655 यूके के छात्रों और 8,845 विदेशी छात्रों ने इंग्लैंड और वेल्स में स्नातक स्तर पर कानून का अध्ययन करने के लिए आवेदन किया था। 31 जुलाई 2017 को, 139,624 सॉलिसिटर प्रैक्टिसिंग सर्टिफिकेट के साथ थे, जबकि 181,968 व्यक्ति सॉलिसिटर के रोल पर थे। एक साल पहले की तुलना में प्रैक्टिस सर्टिफिकेट वाले सॉलिसिटर की संख्या 2.5 प्रतिशत अधिक थी। काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलियन लॉ डीन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, पूरे ऑस्ट्रेलिया में 39 लॉ स्कूल थे और 2018 में ऑस्ट्रेलियाई लॉ ग्रेजुएट्स की कुल संख्या 8,499 थी। कानूनी शिक्षा का आपूर्ति पक्ष मामूली बदलावों को छोड़कर, वर्ष दर वर्ष लगभग एक ही रहा, आगामी मंदी निश्चित रूप से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को प्रभावित करेगी, इसलिए कानूनी क्षेत्र में नए प्रवेशकों की मांग में भारी गिरावट हो सकती है।

    भूत से सीख

    मौजूदा मंदी कानूनी उद्योग कैसे प्रभावित करेगी? भविष्य का अंदाजा लगाने का एक तरीका अतीत की जांच करना है। 2008 की घटनाओं से कानूनी उद्योग कैसे प्रभावित हुआ, जैसे 2020 की मंदी का समाना कैसे होगा, क्योंकि कानूनी परिदृश्य का स्वरूप कमोबेश एक जैसा दिखता है। 2007 की मंदी की शुरुआत से, अमेरिका में 40,000 से अधिक कानूनी नौकरियां गायब हो चुकी हैं। फरवरी 2009 में एक विशेष रूप से व्यस्त दस-दिवसीय अवधि में, 2,500 से अधिक नौकरियां पूरी तरह से खत्म हो गई। 2009 में Cravath, Swaine and Moore का नए वकीलों को $ 80,000 ऑफर दिया था और फिर एक साल तक उनकी ज्वाइनिंग डेट टालता रहा, इस घटना ने कानूनी उद्योग को हिला दिया था। इसलिए, कानूनी पेशे पर आर्थिक मंदी का प्रभाव विनाशकारी रहा है, छंटनी हुई, नई नियुक्तियां रोक दी गई हैं, वेतन कम किए गए हैं और बड़ी संख्या में नए लॉ ग्रेजुएट को रोजगार ही नहीं मिल पाया है।

    वर्तमान के पास देने के लिए क्या है

    पिछला दशक पद्धतिगत परिवर्तनों, कानूनी क्षेत्र में नए स्वरूप, प्रदाताओं के हाथों से उपभोक्‍तओं के हा‌थों में सत्ता हस्तांतरण; बहु-अनुशासनात्मक समस्या हल करने की क्षमता; नए कौशल; तकनीकी स्वीकार्यता; डेटा और डिजिटल परिवर्तन का उदय; कानूनी फर्म का प्रभुत्व और उभरते हुए वैश्विक कानूनी समुदाय को गवाह रहा।

    मौजूदा संकट के खात्मे के बाद वास्तव में कौन विजेता होगा और कौन पराजित, यह पता नहीं है। उद्योग के रुझानों का विश्लेषण करने से यह अनुमान लगाना आसान है कि COVID-19 का परिदृश्य और परिणामस्वरूप आर्थिक मंदी किसी श्रेणी के वकीलों की बेहतर होगी और किनके लिए बदतर।

    कानून के क्षेत्र

    लोगों/व्यवसायों को हमेशा लंबे समय तक प्रशिक्षित कानूनी पेशेवरों की आवश्यकता होगी। कानून के कुछ क्षेत्रों में दूसरों की तुलना में काफी मांग होगी। पूरे विश्व में बढ़ते स्वास्थ्य संकट के कारण, हेल्‍थ केयर लॉयर्स की बड़ी आवश्यकता होगी। कॉर्पोरेट लॉ के हाई वॅल्यू मर्जर्स और अधिग्रहण जैसे क्षेत्र खत्म हो सकते हैं। पुनर्गठन, दिवालिया और मुकदमेबाजी के क्षेत्रों की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। ऐसे फर्में, जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रैक्टिस करती हैं, वो मंदी के दौरान बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।

    पॉलिसी लॉयर्स की मांग बढ़ सकती है, क्योंकि नई कंपनियां पारंपरिक उद्योगों से आगे बढ़ने के लिए पॉलिसी लॉयर्स में आक्रामक रूप से निवेश करेंगी। व्यवसाय में गिरावट, नौकरी की कमी और नई नियुक्तियों पर रोक के कारण पीआईएल/ क्लास एक्‍शन, लेबर और इम्प्लॉयमेंट वकीलों की मांग बढ़ सकती है।

    वैश्विक पर्यावरणीय तबाही बहुत दूर नहीं है और पर्यावरण एक ऐसा मुद्दा होगा, जिसमें बहुत मुकदमे होंगे। जिससे कुशल पर्यावरणीय और पशु अधिकार वकीलों की आवश्यकता पैदा होगी। विवाद सुलझाने के लिए सुलह, मध्यस्थता और पंचायत प्रभावी वैकल्पिक तरीके हैं। COVID-19 महामारी बाद पक्षकारों के पास विवाद सुलझाने के लिए धन और समय की कमी होगी, इसलिए वो सुलह और मध्यस्‍थता को प्राथमिकता देंगे। COVID-19 के बाद विवादों के सुलझाने में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ेगा, ऑनलाइन विवाद समाधान, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, चैट, टेलीकांफ्रेंसिंग आदि का प्रयोग होगा। संपत्ति कानून के जानकारों की मांग बढ़ सकती है। दुनिया भर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ घरेलू हिंसा की दर में खतरनाक वृद्धि हुई है। ब्रिटेन की डोमेस्टिक एब्यूज़ चैरिटी, रिफ्यूजी ने बताया है कि एक ही दिन में अपनी हेल्पलाइन पर कॉल में 700% वृद्धि की दर्ज की है। भारतीय बाल संरक्षण कोष की रिपोर्ट है कि 24-26 मार्च के बीच पोर्नहब सर्वर ने भारत में अपने ट्रैफिक में 95 प्रतिशत वृद्धि दर्ज किया, जिसमें चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी की ऑनलाइन सर्च में में तेजी दर्ज की गई थी।

    चीन छोड़ रही कंपनियां

    अमेरिका और चीन के बीच मौजूदा ट्रेड वॉर और COVID-19 संक्रमण के मसले पर चीन के खिलाफ लंबित कानूनी मुकदमे के कारण, कई बहुराष्ट्रीय निगम चीन से बाहर जाने पर विचार कर रहे हैं। जापानी, दक्षिण कोरियाई और ताइवान की बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपनी उत्पादनों कंपनियों को चीनी से बाहर वियतनाम और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में स्‍थानातंरित करना शुरु कर दिया है। भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध के कारण भारत संभावित उत्पादन केंद्र बना सकता है। ऐसी स्थिति एशियाई लेनदेन वकीलों को काफी फायदा होगा।

    तकनीकी विकास

    जिन संस्‍थाओं ने तकनीकी प्रगति को अपना लिया, वह मंदी से बाहर आ जाएंगे, ऐसू पूरी संभावना है। सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अर्जेंट मामलों की सुनवाई शुरू कर दी है। यूके सुप्रीम कोर्ट सुनवाई और फैसले रीमोट सुनवाई से कर रहा है। सरकार ने ऑडियो और वीडियो हियरिंग के अधिक उपयोग में सहायता के लिए कोरोनावायरस अधिनियम भी पारित किया है। सिविल कोर्ट में टेलिफोनिक, ऑडियो और वीडियो हियरिंग तकनीकों का प्रयोग करते हुए दूरस्थ सुनवाई हो रही है। यूएस सुप्रीम कोर्ट ने घोषणा की है कि मई में वह कुछ मामलों में मौखिक रूप से सुनवाई करेगी, जो मार्च और अप्रैल में सुनवाई के लिए आए थे, लेकिन महामारी के कारण स्थगित करना पड़ा था। कोरोनवायरस वायरस, राहत और आर्थिक सुरक्षा अधिनियम (CARES अधिनियम), कुछ न्यायिक मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपयोग की अनुमति देता है।

    सिंगापुर में वकीलों पहले सही वीडियो लिंक के जर‌िए आवेदन कर सकते थे। सिंगापुर कोर्ट में वीडियो लिंक के माध्यम से पार्टियों या गवाहों की पेशी का काफी इस्तेमाल किया जाता है। ई-फाइलिंग अदालतों को उत्पादक बनाती है क्योंकि यह लंबी कागजी कार्रवाई से समय बचाती हैं। ऐसे हालात युवा तकनीकी प्रेमी वकीलों को की बढ़ सकती है।

    नौकरियां

    COVID-19 के बाद ऐसा युवा वकीलों और अनुभवी वकीलों के लिए दरवाजे खुलेंगे, जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर सकते हैं। अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ ऐसे वरिष्ठ वकील, जिनका तकनीक ज्ञान कम है, उन्हें अपने पारंपरिक कार्यालयों में युवा और तकनीकी प्रेमी वकीलों को रोजगार देना पड़ सकता है। लीगल प्रोसेट एनालिस्ट और लीगल रिस्‍क मैनेजर्स की भी मांग बढ़ेगी। मोटर दुर्घटनाओं या उपभोक्ता क्षतिपूर्ति आदि मामलों के निस्तारण के लिए एआई/ एल्गोरिद्म/ ब्‍लॉकचेन ड‌िस्प्यूट रिजोल्यूशन का उभार होगा। वर्चुअल लॉ लाइब्रेरी का उभार होगा, मोनोग्राफ और पुस्तक समीक्षा लिखने के लिए वरिष्ठ वकीलों का अनुभव आवश्यक होगा। ऑनलाइन कानूनी सेवा वकीलों के लिए कई नए क्षेत्र खोल सकती है।

    निष्कर्ष

    सूचना प्रौद्योगिकी में प्रतिमानों में हो रहे बदलावों के मद्देनजर, हम क्रांतिकारी परिवर्तनों के युग में रह रहे हैं। बायोमेडिकल रिसर्च; आनुवंशिक खोजें; जैव प्रौद्योगिकीय विकास और नैनो प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को बदल दिया है। वैश्वीकरण ने कानूनी और अन्य पेशेवर सेवाओं के आदान-प्रदान को कितनी गहराई से प्रभावित किया है। इसने दुनिया भर में सांस्कृतिक रुझानों और उपभोग के पैटर्न का समरूपीकरण किया है। यहां तक ​​कि जैविक और सॉफ्टवेयर दोनों ही प्रकार वायरस, व्यापक हो गए हैं। उक्त विकास के कारण मृत्यु दर में कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या तेजी से बढ़ी हैं; वैश्विक जलवायु परिवर्तन; संसाधनों की कमी और माइग्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ी हैं। ये बदलाव रौजाना मौलिक सवाल खड़ा कर रहे हैं, जिनके उत्तर मानव अनुभव को बदल देंगे। यह निश्चित है कि वकील इन मुद्दों से निपटने एक अनिवार्य भूमिका निभाएंगे।

    आर्थिक मंदी हर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। इसका वैश्विक स्वास्थ्य सुविधाओं और दुनिया भर के कानूनी पेशों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। हालांकि, कानूनी पेशा कई अन्य पेशों तुलना में मंदी के लिए अधिक लचीला है। कानून फर्में और वकीलों ने वर्तमान स्थितियों का आगे बढ़कर समाना किया तो वो आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। ओबामा प्रशासन ने अर्थव्यवस्था के पतन को क्रांतिकारी नियामक सुधारों के लिए एक अवसर के रूप में मान्यता दी थी। कानूनी पेशे को उदारीकृत व्यावसायिक संरचनाओं को विकसित करने के लिए प्रतिमान में हो रहे बदलाव का लाभ उठाना चाहिए।

    जब तक COVID-19 की वैक्सीन का आविष्कार नहीं हो जाता है, मौजूदा संकट की कोई रामबाण दवा नहीं है। इसके लिए न केवल लक्षित और सक्रिय वृहद आर्थिक उपचारों की आवश्यकता होगी, बल्कि चिकित्सा नीतियों की भी आवश्यकता होगी। जब तक स्थायी समाधान नहीं मिल जाता है, कानूनी बिरादरी को आगामी अवसरों के लिए कानून के क्षेत्रों की तलाश करती रहनी होगी और प्रगति के बीज बोना होगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए फलदायी होगा।

    लेखकों के व्यक्तिगत विचार हैं।

    ( प्रखर दीक्षित, पार्टनर सिंक लीगल, इंडिया और रोज पी साजन, इंटर्न सिंक लीगल, इंडिया का संयुक्त लेख)

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