COVID 19: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जज, अधिकारी, कर्मचारी और अधीनस्‍थ न्यायालयों के अ‌धिकारी, कर्मचारी मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करेंगे

LiveLaw News Network

24 April 2021 11:31 AM IST

  • COVID 19: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जज, अधिकारी, कर्मचारी और अधीनस्‍थ न्यायालयों के अ‌धिकारी, कर्मचारी मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करेंगे

    Chhattisgarh High Court

    छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों के सभी जज, रजिस्ट्री अफसर और कर्मचारी COVID-19 महामारी के मद्देनजर जरूरतमंदों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करेंगे।

    उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने इस संबंध में शुक्रवार को एक आदेश जारी किया। उन्होंने बतायाकि उच्‍च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अनुमोदन पर यह निर्देश जारी किया गया है।

    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों से स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने की अपील की थी, जिसके बाद यह आदेश आया है।

    हालांकि, आदेश में उल्लेख किया गया है कि यह कार्य स्वैच्छिक होगा और जो अधिकारी या कर्मचारी वेतन दान करने के इच्छुक नहीं हैं, वे प्राधिकरण को सूचित कर सकते हैं।

    इस संबंध में जारी आदेश इस प्रकार है:

    "माननीय छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्य के सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से COVID-19 से प्रभावित जरूरतमंद व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करें। इसलिए, माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सभी माननीय न्यायाधीशों, रजिस्ट्री अधिकारियों और उच्च न्यायालय के कर्मचारियों और राज्य के अधीनस्थ न्यायपालिका के सभी न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों से एक दिन का वेतन दान करने का अनुरोध करते हुए एक परिपत्र जारी करने की सहमति दी।

    इसके अलावा, आगे कहा गया है:

    ".... उच्च न्यायालय के वे अधिकारी / कर्मचारी जो योगदान की इच्छा नहीं रखते हैं, वे लेखा अधिकारी, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को सूच‌ित कर सकते हैं और अधीनस्थ न्यायपालिका के वे अधिकारी/ कर्मचारी, जो योगदान करने की इच्छा नहीं रखते हैं; वे एकाउंट सेक्‍शन में संबंध‌ित अधिकारी को 25.04.2021, 2 बजे तक सूचित कर दें।

    उक्त समय और तारीख तक सूचना प्राप्त न होने पर प्राधिकरण यह मान लेगा कि वे दान के लिए सहमत हैं।

    आदेश पढ़ने के लिए क्लिक करें


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