COVID- "अस्पताल ज्यादा चार्ज वसूल कर महामारी का लाभ उठा रहे हैं": मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा
LiveLaw News Network
10 May 2021 2:11 PM IST
मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै खंडपीठ) ने गुरुवार (6 मई) को निजी अस्पतालों के लिए COVID-19 रोगियों के लिए कुल बेड की संख्या का न्यूनतम 50% आवंटित करने का सरकारी आदेश को सख्ती से लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और राज्य से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति एम. एस. रमेश और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की एक खंडपीठ ने कहा,
"इस कठिन समय के दौरान भी कुछ अस्पतालों द्वारा अत्यधिक बिल वसूल किया जा रहा है, जिसे अनुमति नहीं दी जा सकती। अस्पताल COVID-19 महामारी की स्थिति का लाभ उठा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इसका उपयोग अत्यधिक बिल वसूलने के लिए किया जा रहा है।"
कोर्ट के सामने याचिका
याचिकाकर्ता की शिकायत यह है कि सरकार ने निजी अस्पतालों द्वारा COVID-19 के उपचार के लिए वसूल की जाने वाले अधिकतम खर्च को निर्धारित करते हुए एक सरकारी आदेश जारी किया है। लेकिन निजी अस्पतालों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है और वे जानबूझकर दस दिनों के लिए दो लाख तक का बिल वसूल रहे हैं।
यह प्रस्तुत किया गया है कि अस्पताल अपने ग्रेड के आधार पर अधिकतम रु. 15,000 / - प्रति दिन का शुल्क ले सकते हैं। मगर कुछ अस्पताल प्रतिदिन रु. 1,00,000 / - के आसपास बिल ले रहे हैं।
इसके अलावा, यह कहा गया कि एक आदेश के अनुसार, सरकार ने निजी अस्पतालों को COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए कुल बिस्तर संख्या का न्यूनतम 50% आवंटित करने का निर्देश दिया था, क्योंकि COVID-19 महामारी को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है। इसके बावजूद निजी अस्पताल कोरोना से पीड़ितों को बिस्तर नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही सरकारी आदेश को लागू करने के लिए कोई उचित व्यवस्था मौजूद नहीं है।
याचिकाकर्ता और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री को देखने के बाद सरकारी वकील द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन के मद्देनजर, न्यायालय ने रिट याचिका को आगे बढ़ाते हुए उत्तरदाताओं से निम्नलिखित विवरण मांगे:
1. क्या सरकारी आदेशों का अक्षरश: पालन किया गया है?
2. सरकार पूर्वोक्त सरकारी आदेशों के कार्यान्वयन की निगरानी कैसे कर रही है?
3. क्या पूर्वोक्त सरकारी आदेशों में सरकार द्वारा निर्देशित COVID-19 उपचार का अधिकतम खर्च निजी अस्पतालों में एक प्रमुख तरीके से प्रदर्शित की जाती है, जिससे आम जनता को उन बिलों और प्राधिकरण के विवरणों के बारे में पता चल सके, जिनसे कोई शिकायत होती है। उक्त सरकारी आदेशों का अत्यधिक शुल्क और उल्लंघन दर्ज किया जा सकता है?
4. उपरोक्त सरकारी आदेशों के उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रावधान या दंड पर विचार किया गया है और उपरोक्त सरकारी आदेशों के कार्यान्वयन की निगरानी करने वाला प्राधिकरण कौन है?
5. उक्त सरकारी आदेशों के उल्लंघन के लिए सरकार को कितनी शिकायतें मिली हैं और यदि कोई है, तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है?
6. क्यों नहीं सरकार निजी अस्पतालों की उपलब्धता और उनकी बेड क्षमता के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्य आदि द्वारा बनाए गए पोर्टल में फीस संरचना के साथ एक अलग पोर्टल बनाए रखती है।
7. क्या तमिलनाडु कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत, सरकारी कर्मचारी निजी अस्पतालों में COVID-19 के इलाज के लिए हकदार हैं?
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