किसी माल की श्रेष्ठता स्थापित करने के लिए तुलनात्मक विज्ञापन की अनुमति, लेकिन यह दूसरे के माल को बदनाम किए बिना हो: दिल्ली हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

10 Nov 2021 4:19 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट

    तुलनात्मक विज्ञापन और ट्रेडमार्क उल्लंघन संबंधित एक मुकदमे के निस्तारण के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि एक विज्ञापनदाता को विज्ञापन में खेलने के लिए पर्याप्त जगह दी जानी चाहिए और वादी को इसके प्रति अतिसंवेदनशील नहीं होना चाहिए।

    पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि,

    "तुलनात्मक विज्ञापन में एक माल की दूसरे के साथ तुलना करना और दूसरे पर अपने माल की श्रेष्ठता स्थापित करना अनुमेय है। हालांकि कोई यह बयान नहीं दे सकता है कि एक माल बुरा, हीन या अवांछनीय है क्योंकि इससे दूसरे के माल की बदनामी होगी।"

    जस्टिस जयंत नाथ की पीठ 2001 से ट्रेडमार्क 'HARPIC' के तहत टॉयलेट क्लीनर के निर्माण में शामिल कंपनी द्वारा दायर टॉयलेट क्लीनर 'DOMEX' के निर्माण में लगे प्रतिवादियों के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करने वाले एक आवेदन पर विचार कर रही थी।

    वादी का मामला था कि DOMEX उत्पाद से संबंधित प्रतिवादी का विज्ञापन कथित तौर पर HARPIC टॉयलेट क्लीनर को बदनाम करने के लिए बनाया गया था ।

    यह भी कहा गया था कि प्रतिवादी ने पांच विज्ञापन लॉन्च किए थे, जिसमें कथित तौर पर HARPIC को अप्रभावी और शौचालय की सफाई के लिए बेकार होने का दावा किया गया था। वादी के अनुसार, आक्षेपित विज्ञापन ने HARPIC उपभोक्ताओं का मजाक उड़ाया और उन्हें तुरंत अपनी प्राथमिकताएं DOMEX में स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित किया।

    तदनुसार, वादी ने प्रतिवादी को पांच विज्ञापनों यानी टीवीसी, सोशल मीडिया और प्रिंट विज्ञापन के प्रकाशन, प्रसारण या सार्वजनिक डोमेन में डालने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा की मांग की ।

    पक्षों की दलीलों को सुनकर और पहले विज्ञापन को देखने के बाद न्यायालय ने कहा,

    "कुछ संदिग्ध क्षेत्र हो सकते हैं लेकिन इन्हें तथ्यों के गंभीर प्रतिनिधित्व के रूप में नहीं बल्कि केवल किसी के उत्पाद को महिमामंडित करने के रूप में लिया जाना चाहिए । यदि विज्ञापन संदिग्ध क्षेत्रों से आगे बढ़ता है और झूठा, भ्रामक या अनुचित विज्ञापन बन जाता है तो यह किसी भी सुरक्षा के लाभ का हकदार नहीं होगा।"

    कोर्ट ने कहा कि तुलनात्मक विज्ञापन में एक माल की दूसरे के साथ तुलना करना और एक की दूसरे पर श्रेष्ठता स्थापित करना अनुमेय है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि कोई यह बयान नहीं दे सकता है कि एक माल बुरा, हीन या अवांछनीय है क्योंकि इससे दूसरे के माल को बदनाम किया जा सकता है।

    हालांकि, अन्य तीन विज्ञापनों पर विचार करते हुए, कोर्ट ने कहा कि आक्षेपित प्रिंट विज्ञापनों में दर्शाई गई बोतलों की तुलना, प्रथम दृष्टया यह दर्शाती है कि यह वादी के निशान के समान ही भ्रामक था।

    अदालत ने कहा, " दूसरे, चौथे और पांचवें विज्ञापनों को देखने से पता चलता है कि प्रथम दृष्टया उक्त विज्ञापन वादी के उत्पाद को बदनाम करने और कथित जेनेरिक बोतल में निहित उत्पाद को बदनाम करने का प्रयास करते हैं।"

    न्यायालय ने आवेदन का निपटारा करते हुए कहा, "चार विज्ञापनों यान‌ि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें विज्ञापन में दिए गए बयान, मेरी राय में इस स्तर पर प्रथम दृष्टया वादी के उत्पाद को अपमानित करते हैं। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, प्रतिवादी को अपने उत्पाद का प्रचार करते समय प्रतिद्वंद्वी के उत्पाद को बदनाम करने या अपमानित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सुविधा का संतुलन भी वादी के पक्ष में है। मैं तदनुसार प्रतिवादी को किसी भी मंच पर चार विज्ञापनों को प्रकाशित करने से रोकता हूं, जब तक कि वे वादी के उत्पाद के सभी संदर्भों को हटा नहीं देते..।"

    केस शीर्षक: रेकिट बेंकिसर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाम हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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