राजनेताओं के लिए एक-दूसरे पर टिप्पणी करना सामान्य, सार्वजनिक शख्स‌ियतें अतिसंवेदनशील नहीं हो सकतीं: शिंदे गुट के नेता की ओर से दायर मानहानि मामले में आदित्य ठाकरे की सफाई

Avanish Pathak

17 April 2023 2:51 PM GMT

  • राजनेताओं के लिए एक-दूसरे पर टिप्पणी करना सामान्य, सार्वजनिक शख्स‌ियतें अतिसंवेदनशील नहीं हो सकतीं: शिंदे गुट के नेता की ओर से दायर मानहानि मामले में आदित्य ठाकरे की सफाई

    शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले द्वारा दायर मानहानि के मामले सोमवार दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी सफाई में कहा कि राजनेताओं के लिए राजनीतिक संवाद में एक-दूसरे के आचरण पर टिप्पणी करना आम बात है। सार्वजनिक शख्स‌ियतों को अतिसंवेदनशील होने की अनुमति नही दी जा सकती, "क्योंकि यह उनकी सभी आलोचनाओं को पूरी तरह से दबा देगा।"

    ठाकरे ने कहा कि शेवाले जैसे राजनेताओं को सार्वजनिक शख्‍स‌‌ियत के रूप में "फूल के साथ-साथ ईंट-पत्थर" भी स्वीकार करना चा‌हिए।

    आदित्य ठाकरे ने कोर्ट के समक्ष दिए लिख‌ित उत्तर में कहा,

    "देश के प्रधानमंत्री ने विपक्ष को कथित रूप से अपमानजनक नामों से संदर्भित किया है । उन्होंने स्वयं राजनीतिक भाषणों में विपक्षी नेता शशि थरूर की दिवंगत पत्नी को... और श्रीमती गांधी को .... के रूप में संदर्भित किया है। राजनीतिक भाषण हमेशा सुपाच्य नहीं होते, इनकी प्रकृति ही अतिशय की होती है और यह घटना वादी या प्रतिवादी नंबर 3 (आदित्य ठाकरे) के लिए अद्वितीय नहीं है।"

    ठाकरे और राउत द्वारा दिए गए कुछ बयानों के खिलाफ शेवाले द्वारा दायर मुकदमे के जवाब में प्रस्तुतियां दी गईं हैं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एकनाथ शिंदे गुट ने "शिवसेना का चिन्ह" 2000 करोड़ रुपये में खरीदा था। उद्धव ठाकरे और संजय राउत भी इस मामले में प्रतिवादी हैं।

    आदित्य ठाकरे ने आगे कहा है कि भले ही शेवाले ने आरोप लगाया कि प्रतिवादियों ने चुनाव आयोग के कामकाज के बारे में मानहानिकारक बयान दिए, उन्होंने व्यक्तिगत चोट या अपनी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने का कोई उदाहरण नहीं दिया है।

    आगे प्रस्तुत किया गया है कि शेवाले द्वारा उद्धृत कथित मानहानिकारक बयान राजनीतिक विमर्श में प्रतिवादियों द्वारा की गई टिप्पणियों से संबंधित हैं और इसलिए, वह किसी राजनीतिक दल या संवैधानिक निकाय के आचरण पर दिए गए बयानों से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित नहीं हो सकते हैं।

    आज सुनवाई के दरमियान जस्टिस प्रतीक जालान को बताया गया कि ठाकरे और राउत ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया दाखिल कर दी है। अदालत ने जवाब दाखिल करने में देरी की माफ़ी के लिए प्रतिवादियों द्वारा दायर आवेदनों को स्वीकार कर लिया और उनकी प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड पर ले लिया।

    11 मई को सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करते हुए, अदालत ने शेवाले को प्रत्युत्तर दाखिल करने की अनुमति दी।

    पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, संजय राउत ने दावा किया था कि शिवसेना पार्टी के नाम और उसके धनुष और तीर के प्रतीक को "खरीदने" के लिए "2000 करोड़ रुपये का सौदा" हुआ है।


    केस टाइटल: राहुल रमेश शेवाले बनाम संजय राउत व अन्य

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