सीजेएआर ने चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी के तबादले को वापस लेने की मांग की; कॉलेजियम की ओर से होने वाली नियुक्तियों और तबादलों में पारदर्शिता की मांग
LiveLaw News Network
15 Nov 2021 5:50 PM IST
मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले पर 'गहरी चिंता और निराशा' व्यक्त करते हुए न्यायिक जवाबदेही और सुधार के लिए अभियान (सीजेएआर) ने कॉलेजियम के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
अपने आधिकारिक बयान में सीजेएआर ने कहा है कि स्थानांतरण के लिए किसी भी भौतिक औचित्य के अभाव में एक प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जस्टिस बनर्जी को किसी कारण से "दंडित" किया जा रहा है, हालांकि, बयान में कहा गया है कि यह कॉलेजियम की मंशा नहीं हो सकती है।
गौरतलब है कि सीजेएआर ने इस बात पर भी गहरी निराशा व्यक्त की है कि जस्टिस बनर्जी का तबादला हाल के पैटर्न का पालन करता है, जहां कॉलेजियम के फैसले केंद्र सरकार की इच्छा के अनुरूप हैं।
बयान में कहा गया है
"चाहे वह जस्टिस अकील कुरैशी को नॉमिनेट करने से इनकार करना हो, हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार की पिक एंड चूज़ पॉलिसी को स्वीकृति या उन नॉमिनेट व्यक्तियों को मजबूत समर्थन न देना, जिन्हें केंद्र सरकार ने बिना कारणों के खारिज कर दिया है।"
सीजेआर ने यह भी नोट किया कि मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस बनर्जी का रिकॉर्ड अनुकरणीय रहा है।
यह ध्यान देते हुए कि जस्टिस बनर्जी को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव 16 सितंबर, 2021 को दिया गया था, जबकि उसे 9 नवंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया था, सीजेएआर ने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए समय पर तर्कसंगत निर्णय की अनुपस्थिति का भी सवाल उठाया।
सीजेएआर ने इसे एक खराब प्रथा बताते हुए जो यह संकेत मिलता है कि प्रस्ताव पिछली तारीख का था, कहा कि कॉलेजियम को बैठक के चौबीस घंटे के भीतर अपने तर्कपूर्ण प्रस्तावों को अपलोड करना चाहिए।
सीजेएआर ने कॉलेजियम से निम्नलिखित आह्वान किए-
-जस्टिस बनर्जी को मद्रास हाईकोर्ट से मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को वापस लिया जाए।
-जस्टिस बनर्जी को मद्रास हाईकोर्ट से मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के निर्णय की सामग्री और आधार को रिकॉर्ड में रखें।
-न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता को अक्षुण्ण रखा जाए...
उल्लेखनीय है कि मद्रास हाईकोर्ट के 200 से अधिक अधिवक्ताओं ने जस्टिस बनर्जी के ट्रांसफर के मुद्दे पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमाना और कॉलेजियम के अन्य चार सदस्यों पत्र लिखा है।
मद्रास बार एसोसिएशन ने भी एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से जस्टिस बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिशों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है।