छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने COVID-19 से पीड़ित अधिवक्ताओं के परिजनों के लिए राहत की मांग वाली याचिका पर स्टेट बार काउंसिल से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

1 July 2021 6:06 PM IST

  • छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने COVID-19 से पीड़ित अधिवक्ताओं के परिजनों के लिए राहत की मांग वाली याचिका पर स्टेट बार काउंसिल से जवाब मांगा

    छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्टेट बार काउंसिल से ऐसे अधिवक्ताओं के परिवार वालों के लिए राहत की मांग करने वाली याचिका पर जवाब मांगा जो या तो COVID-19 के शिकार हो गए हैं या इससे संक्रमित हैं।

    कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ के एडवोकेट वेलफेयर ट्रस्ट को भी अलग से जवाब दाखिल करने को कहा है ताकि प्रभावित वकीलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया जा सके।

    यह आदेश जिला बार एसोसिएशन, बिलासपुर द्वारा उच्च न्यायालय को संबोधित एक पत्र की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें महामारी के दौरान अधिवक्ताओं की दुर्दशा पर प्रकाश डाला गया है।

    कोर्ट ने पत्र को जांच के रूप में पंजीकृत किया और स्टेट बार काउंसिल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी से मामले में निर्देश लेने को कहा। महामारी के दौरान अधिवक्ताओं को राहत देने के आवेदन पर प्रतिक्रिया देने के लिए परिषद को तीन दिन का समय दिया गया है।

    एडवोकेट भादुड़ी ने पीठ को सूचित किया कि पूरे राज्य में बार एसोसिएशन को बार काउंसिल को सूचित करने के लिए संचार भेजा गया है कि COVID-19 के कारण जिन वकीलों की मृत्यु हुई है, उनके नाम संबंधित ऐसी कोई जानकारी स्टेट बार काउंसिल के बार एसोसिएशन नहीं भेजी गई है।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य के सभी जिला बार एसोसिएशन, यदि वे चाहें तो न्यायालय के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं और एडवोकेट भादुड़ी द्वारा किए गए प्रस्तुतीकरण पर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं।

    कोर्ट ने आगे कहा कि,

    "संबंधित बार एसोसिएशन उन वकीलों के नाम भी प्रस्तुत कर सकते हैं जिनकी मृत्यु हो गई है या जो COVID-19 महामारी से संक्रमित हैं, ताकि सभी संबंधित पक्षों को सुनने के बाद उचित आदेश पारित किया जा सके।"

    कोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से उच्च न्यायालयों और अन्य सभी न्यायालयों/न्यायाधिकरणों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों/स्थगन के आदेशों/अंतरिम जमानत आदेशों को आगे बढ़ाने की मांग करने वाले आवेदन के संबंध में भी जवाब मांगा है।

    मामले की सुनवाई 8 जुलाई को तय की गई है।

    केस का शीर्षक: स्वत: संज्ञान मामला बनाम छत्तीसगढ़ राज्य

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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