"केंद्र और राज्य एक–दूसरे पर दोषारोपण में व्यस्त हैं, मेरी चिंता मेरा स्वास्थ्य है" : COVID वैक्सीन की मांग कर रहे व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा

LiveLaw News Network

28 May 2021 7:11 AM GMT

  • केंद्र और राज्य एक–दूसरे पर दोषारोपण में व्यस्त हैं, मेरी चिंता मेरा स्वास्थ्य है : COVID वैक्सीन की मांग कर रहे व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा

    दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की बेंच ने विवेक गौर नामक व्यक्ति की उस याचिका पर गुरुवार को नोटिस जारी किया, जिसमें उसने यह कहते हुए राष्ट्रीय राजधानी को COVID-19 वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति करने की मांग की है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार एक दूसरे पर दोषारोपण करने में जुटी हैं, लेकिन उनकी (याचिकाकर्ता की) चिंता इस महामारी के दौरान खुद के स्वास्थ्य और सेहत की सुरक्षा करना है।

    बेंच ने इस याचिका पर नोटिस जारी करते हुए दोनों सरकारों से जवाब तलब किया है।

    मौजूदा टीकाकरण अभियान के लिए रजिस्ट्रेशन करने में आम आदमी की व्यथा का उल्लेख करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए यह प्रक्रिया 'फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट' की लड़ाई में हार जाने जैसी है।

    तैंतालीस वर्षीय याचिकाकर्ता ने आगे दावा किया कि टीका लेने का उसका सर्वोत्तम प्रयास वैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण बेकार चला गया और आज तक वह वैक्सीन का पहला शॉट भी नहीं ले सका है।

    दोनों ही सरकारों द्वारा विरोधाभासी बयान दिये जाने का उल्लेख करते हुए गौर ने कहा,

    "दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और विधायक सुश्री अतिशी दावा कर रहे हैं कि उनके पास तीन से चार दिनों से अधिक का वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। अगर ऐसा है तो दिल्ली के निवासियों का जीवन गंभीर खतरे में है। लेकिन दूसरी ओर, प्रतिवादी संख्या – 1 (केंद्र सरकार) कुछ और ही बोल रही है। ऐसे विरोधाभासी बयानों के लिए जिम्मेदारी तय करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।"

    याचिकाकर्ता ने किसी सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी या वरिष्ठ अधिवक्ता या बिरादरी के किसी सम्मानित सदस्य की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा जांच कराये जाने की मांग की है, ताकि यह तय हो सके कि दोनों में से कौन सी सरकार जनता के समक्ष 'झूठे' बयान दे रही है।

    उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि पोर्टल किसी व्यक्ति को तीन-चार दिन पहले से स्लॉट बुक करने की अनुमति नहीं देता, जिससे दिल्लीवासियों में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो रहा है।

    याचिका में कहा गया है,

    "न तो याचिकाकर्ता, न ही दिल्ली के किसी भी नागरिक को प्रतिवादी संख्या – 1 और 2 के बीच जारी दोषारोपण के खेल का नुकसान होना चाहिए।"

    याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट गौरव गौर ने बेंच के समक्ष पक्ष रखा। मामले की अगली सुनवाई चार जून को होगी।

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