कैश-फॉर-क्वेरी विवाद: CBI की चार्जशीट को अनुमति देने के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पर 21 नवंबर को होगी सुनवाई

Amir Ahmad

18 Nov 2025 12:17 PM IST

  • कैश-फॉर-क्वेरी विवाद: CBI की चार्जशीट को अनुमति देने के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पर 21 नवंबर को होगी सुनवाई

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा की उस याचिका को 21 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें उन्होंने लोकपाल द्वारा CBI को उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति देने वाले आदेश को चुनौती दी।

    जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि वह पहले लोकपाल का विस्तृत स्वीकृति आदेश पढ़ेगी, जिसे सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया गया। अदालत ने कहा कि आदेश का अवलोकन करने के लिए मामले को शुक्रवार के लिए रखा जाए।

    महुआ मोइत्रा ने 12 नवंबर को पारित आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि यह लोकपाल अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध है और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन है। उनका कहना है कि उनसे लिखित तर्क और अभ्यावेदन मांगे गए, लेकिन उन्हें आदेश पारित करते समय पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया गया।

    याचिका में कहा गया कि स्वीकृति आदेश लोकपाल की भूमिका को महज़ जांच रिपोर्ट पर मुहर लगाने तक सीमित कर देता है और उनके द्वारा प्रस्तुत किसी भी बचाव को नहीं देखा गया। मोइत्रा का तर्क है कि लोकपाल को न केवल चार्जशीट दर्ज करने की अनुमति देने का अधिकार है, बल्कि यदि मामले में कोई दम न हो तो क्लोज़र रिपोर्ट निर्देशित करने का कर्तव्य भी है।

    याचिका के अनुसार लोकपाल ने बिना उनके तर्कों और बचाव पर विचार किए क्लोज़र रिपोर्ट की संभावना को बंद कर दिया और सीधे चार्जशीट दर्ज करने की अनुमति दी, जिससे उन्हें गंभीर क्षति पहुंची है।

    अंतरिम राहत के रूप में मोइत्रा ने स्वीकृति आदेश पर रोक लगाने की मांग की और CBI को आदेश के आधार पर आगे कोई कदम उठाने जिसमें चार्जशीट दाखिल करना भी शामिल है, से रोके जाने का अनुरोध किया।

    मामला उस आरोप से जुड़ा है कि मोइत्रा ने व्यापारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर नकद लेकर संसद में उनके हितों से जुड़े प्रश्न पूछे। हालांकि एक इंटरव्यू में उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने अपना संसद लॉग-इन और पासवर्ड हीरानंदानी को दिया था, लेकिन रिश्वत लेने के आरोपों से वह लगातार इनकार करती रही हैं।

    विवाद तब उत्पन्न हुआ, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दूबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि मोइत्रा ने कथित रूप से पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछे। यह आरोप एडवोकेट जय अनंत देहद्रई द्वारा दूबे को भेजे गए एक पत्र पर आधारित बताया गया। इसके बाद मोइत्रा ने दूबे, देहद्रय और कुछ मीडिया संस्थानों को कानूनी नोटिस भेजकर इन आरोपों का खंडन किया।

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