'ममता बनर्जी ने किया था छुप कर विवाह': दावा करने वाली किताब के वकील ने किए थे अंश पोस्ट, हाईकोर्ट ने मानहानि मामला रद्द करने से किया इनकार
Shahadat
3 Nov 2025 8:22 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट ने वकील कौस्तव बागची को समन जारी करने का ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द करने से इनकार कर दिया। बागची पर एक किताब के अंश ऑनलाइन अपलोड करने का आरोप है, जिसमें दावा किया गया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक व्यक्ति से गुप्त रूप से विवाह किया था और अपने निजी जीवन के बारे में भी चर्चा की थी।
जस्टिस अपूर्व सिन्हा रे ने बागची की इस दलील को खारिज कर दिया कि सरकारी वकील इस मामले में निजी शिकायत दर्ज नहीं कर सकते, क्योंकि यह मुख्यमंत्री के निजी जीवन से जुड़ा है।
अदालत ने कहा कि ऑनलाइन अपलोड किए गए अंश मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के समय उनके कार्यालय में एक विशेष व्यक्ति की उपस्थिति से संबंधित है। अदालत ने कहा कि मुख्यमंत्री की अपने कक्ष में उपस्थिति आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के लिए मानी जाती है। इसके विपरीत साबित करना दावा करने वाले व्यक्ति पर निर्भर है।
अदालत ने कहा,
"संहिता में कहीं भी 'सार्वजनिक समारोह' शब्द, उसकी प्रकृति या उसकी सीमा को परिभाषित नहीं किया गया। इसलिए मोटे तौर पर कहें तो माननीय मुख्यमंत्री की अपने कक्ष में प्रत्येक क्षण की उपस्थिति उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के लिए है। यह साबित करना कि अपने पद पर रहते हुए वे अपने आधिकारिक कर्तव्यों से परे कार्य कर रही थीं, उस व्यक्ति पर निर्भर है, जो ऐसा दावा करता है। इसलिए उनके कार्यालय कक्ष में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी मुलाकात आधिकारिक उद्देश्य से आयोजित की गई मानी जाएगी, जब तक कि इसके विपरीत साबित न हो जाए।"
Case Title: Koustav Bagchi v. The State of West Bengal and Another

