कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूजा पंडाल में कथित रूप से जूते दिखाकर देवी दुर्गा के अपमान का आरोप लगाने वाली याचिका पर राहत देने से इनकार किया

LiveLaw News Network

15 Oct 2021 11:52 AM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूजा पंडाल में कथित रूप से जूते दिखाकर देवी दुर्गा के अपमान का आरोप लगाने वाली याचिका पर राहत देने से इनकार किया

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को कोलकाता के दमदम इलाके में एक दुर्गा पूजा पंडाल में जूतों (तलवों) के कथित प्रदर्शन के खिलाफ दायर एक याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया।

    न्यायमूर्ति कौसिक चंदा की खंडपीठ याचिकाकर्ता शांतनु सिंघा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पूजा पंडाल (दमदम पार्क, भारत चक्र क्लब में) में जूते प्रदर्शित करके देवी दुर्गा का पूर्ण अनादर किया गया।

    सोशल मीडिया से जूतों के इस तरह के प्रदर्शन के बारे में जानने वाले याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से पंडाल नहीं गया। हालांकि उसने आरोप लगाया कि पूजा पंडाल में इस प्रकार जूतों के प्रदर्शन से पश्चिम बंगाल के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।

    दूसरी ओर, राज्य और अन्य प्रतिवादियों की ओर से पेश महाधिवक्ता एस.एन. मुखर्जी ने प्रस्तुत किया कि जूते केवल संबंधित पंडाल के किसी प्रसंग की विषयवस्‍तु से संबंधित भाग के रूप में प्रदर्शित किए गए और उसे किसानों द्वारा विरोध के प्रतीक के रूप में जूतों से सजाया गया।

    उन्होंने आगे कहा कि गर्भगृह में किसी भी जूते का प्रदर्शन नहीं किया गया और पंडाल के उक्त प्रसंग की विषयवस्‍तु से संबंधित भाग और जहां देवी की पूजा की जा रही है, के बीच लगभग 11 फीट की दूरी है।

    अंत में उन्होंने अदालत को अवगत कराया कि उक्त क्लब द्वारा जूते के कथित प्रदर्शन के लिए लेक टाउन पुलिस स्टेशन द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 153A/506/34 के तहत एक शिकायत के आधार पर पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है।

    महाधिवक्ता द्वारा किए गए प्रस्तुतीकरण के मद्देनजर न्यायालय का विचार था कि वह अंतरिम चरण में जूते हटाने के आवेदन पर कोई आदेश पारित करने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि अदालत के अनुसार ऐसा कोई आदेश अंतिम राहत देने के बराबर हो सकता है।

    हालांकि कोर्ट ने लेक टाउन पुलिस स्टेशन को उक्त मामले में जांच की प्रगति के संबंध में सुनवाई की अगली तारीख पर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

    इसके बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर, 2021 को सूचीबद्ध किया।

    केस का शीर्षक - शांतनु सिंघा @ संतनु सिन्हा बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य।

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