कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अंतिम संस्कार के लिए एडवोकेट के लावारिस शव को बार एसोसिएशन को सौंपने का निर्देश दिया
Shahadat
2 Aug 2022 7:09 AM

कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने वकील के लावारिस शव का अंतिम संस्कार करने के लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को सौंपने की मांग वाली जनहित याचिका को अनुमति दी।
चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने राज्य के अधिकारियों को "मृतक कौशिक डे के शव को जनहित याचिका के याचिकाकर्ता या कोलकाता बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कल्लोल मंडल या बार एसोसिएशन के सचिव विश्वब्रत बसु मल्लिक को बिना किसी अनावश्यक देरी के नियमानुसार उचित औपचारिकताएं पूरी कर सौंपने का निर्देश दिया।"
यह सूचित किए जाने पर कि शव का पोस्टमार्टम पहले ही हो चुका है और चूंकि कोई भी शव पर दावा करने के लिए आगे नहीं आया है, इसलिए शव को विद्यासागर राजकीय सामान्य अस्पताल की मोर्चरी में रख दिया गया है।
उक्त जनहित याचिका को बार की पारिवारिक भावना के तहत दायर किया गया है। स्वर्गीय एडवोकेट की कुछ दिन पहले मृत्यु हुई है। उसका शव 29 जुलाई, 2022 को लावारिस अवस्था में मिला था। ऐसे में मृतक एडवोकेट के मित्र व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपने की गुहार लगाई।
कोर्ट ने अधिकारियों को बार एसोसिएशन के सचिव को मूल मृत्यु प्रमाण पत्र देने का भी निर्देश दिया, जो वैध दावेदार के आगे बढ़ने की स्थिति में इसे सुरक्षित रूप से संग्रहीत करेगा। राज्य प्राधिकरण को मृतक एडवोकेट के अंतिम संस्कार के लिए पूर्ण सहयोग देने का भी निर्देश दिया गया। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शव को सौंपना अंतिम संस्कार के सीमित उद्देश्य के लिए है। इससे किसी भी कानूनी उत्तराधिकारी आदि के किसी भी कानूनी अधिकार को प्रभावित नहीं होगा।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वकील दिपायन कुंडू और विश्वब्रत बसु मलिक ने किया। जबकि राज्य का प्रतिनिधित्व एडवोकेट एन चटर्जी और एडवोकेट जनरल एसएन मुखर्जी। भारत संघ का प्रतिनिधित्व एडवोकेट बिलवाडल भट्टाचार्य ने किया।
केस टाइटल: मनबेंद्रनाथ बंधोपाध्याय बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य।
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