पटियाला कोर्ट ने जीएसटी रिफंड क्लेम करने के लिए जाली सर्टिफिकेट तैयार करने में शामिल होने के आरोपी सीए को जमानत देने से इनकार किया
Shahadat
26 May 2022 4:53 PM IST
पटियाला हाउस कोर्ट ने जीएसटी रिफंड क्लेम करने वाली फर्जी कंपनियों के सर्टिफिकेट तैयार करने के आरोपी सीए को जमानत देने से इनकार कर दिया।
मनोज कुमार राणा (अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) की पीठ ने पाया कि सीए सरकारी खजाने को 7,60,89,626/- रुपये का नुकसान पहुंचाने में शामिल है। इस प्रकार, उन्होंने सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1) (i) सपठित 132(1) (बी) (सी) (ई) (एफ) के तहत अपराध किया है। सीए ने फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने में शामिल रहा है। इससे फर्जी कंपनियां जीएसटी रिफंड का दावा करती हैं, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान होता है।
आवेदक/अभियुक्त पिछले छह सालों से सीए की प्रैक्टिस कर रहा है। आवेदक ने प्रस्तुत किया कि उसे आरोपों में झूठा फंसाया गया है कि सह-आरोपी गौरव धीर द्वारा आवेदक के यूडीआईएन नंबर, आईडी और पासवर्ड का दुरुपयोग किया गया। शिकायत में लगाए गए आरोपों में कहा गया कि आवेदक पर एक रुपये की भी हेराफेरी का आरोप नहीं है।
आवेदक ने तर्क दिया कि आवेदक के खिलाफ सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 (बी), (सी), या (डी) के तहत कोई अपराध नहीं बनाया गया और आवेदक से कुछ भी बरामद नहीं किया गया।
प्रार्थी ने जमानत प्रदान करने की प्रार्थना की।
विभाग ने तर्क दिया कि आवेदक सरकारी खजाने को 7,60,89,626 रुपये का नुकसान पहुंचाने में शामिल है। परिणामस्वरूप, उसने सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132(1)(i) सपठित धारा 132(1)(b)(c)(e)(f) CGST के तहत अपराध किया है। उसने कंपनियों के लिए जीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
विभाग ने आग्रह किया कि आवेदक ने आर्थिक अपराध किया है, जो देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है।
अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है और अपराध की प्रकृति बहुत गंभीर है।
केस टाइटल: सीजीएसटी, गुरुग्राम बनाम सुनील मेहलावत
साइटेशन: सीएनआर नंबर एचआरजीआर03-042013-2022
दिनांक: 21.05.2022
आवेदक के लिए वकील: एडवोकेट विपिन गुप्ता और हर्ष सेठी
विभाग के लिए वकील: सीनियर सरकारी वकील सतीश अग्रवाल
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