बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोवा के पोरवोरिम में वकील पर पुलिस की बर्बरता का स्वत: संज्ञान लिया

Shahadat

19 Dec 2022 4:59 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोवा के पोरवोरिम में वकील पर पुलिस की बर्बरता का स्वत: संज्ञान लिया

    बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने पोरवोरिम पुलिस स्टेशन के कांस्टेबलों द्वारा वकील पर कथित हमले की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और पुलिस जनरल डायरेक्टर, गोवा को नोटिस जारी किया।

    जस्टिस एम एस सोनाक और जस्टिस भारत देशपांडे की खंडपीठ ने राज्य को निर्देश दिया कि वह इस मामले में उठाए गए कदमों और एडवोकेट गजानन सावंत के संबंधित मामले के मेडिकल कागजात से न्यायालय को अवगत कराते हुए प्रारंभिक हलफनामा दाखिल करे।

    गोवा पुलिस से "तत्काल और शीघ्र कार्रवाई" की मांग करने वाले गोवा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर अदालत ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया।

    बार एसोसिएशन की प्रबंध समिति ने 10 दिसंबर को आयोजित बैठक में पुलिस कार्रवाई की निंदा की थी और अधिकारियों से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।

    8 दिसंबर को पोरवोरिम पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने कथित तौर पर सावंत पर क्रूरता से हमला किया, जब वह अपने मुवक्किल के अनुरोध पर नागरिक विवाद स्थल पर जा रहे थे।

    घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद भी समिति ने महसूस किया कि यह पर्याप्त नहीं है।

    प्रस्ताव में कहा गया,

    "ऐसे कई सवाल हैं, जिनका पोरवोरिम पुलिस स्टेशन के प्रभारी को कानूनी बिरादरी को जवाब देना है।"

    इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री, कानून मंत्री और राज्य के पुलिस जनरल डायरेक्टर सहित अधिकारियों से आग्रह करने का प्रस्ताव किया।

    यह प्रस्ताव बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और गोवा पीठ के सीनियर एडमिनिस्ट्रेशन जज को भी भेजा गया। यह देखते हुए कि "ऐसी घटनाएं और उनका अनुसरण न्याय के प्रशासन को प्रभावित करता है", अदालत ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर मामला शुरू किया।

    अदालत ने कहा,

    "यह इंगित किया गया कि एडवोकेट समुदाय हमले से काफी परेशान है और पूरे राज्य में आंदोलन हुए हैं, क्योंकि यह माना गया कि कथित रूप से हमले में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई शुरू नहीं की जा रही है।"

    यह देखते हुए कि इस मामले को प्रतिकूल मुकदमेबाजी के रूप में नहीं माना जाना चाहिए, अदालत ने सीनियर एडवोकेट सुबोध कंटक को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया।

    इस बीच, अदालत ने मुख्य सचिव, पुलिस डायरेक्टर जनरल, पुलिस अधीक्षक, जांच अधिकारी वीरेंद्र वेलुस्कर और पोरवोरिम पुलिस स्टेशन के चार कांस्टेबलों को प्रतिवादी के रूप में गोवा राज्य को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया और नोटिस जारी किया।

    पीठ ने बार एसोसिएशन से दस्तावेजों और अन्य मामलों के संकलन के साथ औपचारिक याचिका रिकॉर्ड पर रखने के लिए भी कहा, जिस पर वे अदालत से विचार करना चाहते हैं।

    पीठ ने कहा,

    "[जे. ई. कोल्हो] परेरा, एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि वह एसोसिएशन की ओर से अदालत में पेश होंगे। चूंकि हम समझते हैं कि कई अन्य एडवोकेट संघों ने भी एडवोकेट गजानन सावंत पर हमले के मुद्दे उठाए हैं, हमें लगता है कि ऐसे संघ इस मुद्दे पर एमिक्स क्यूरी के माध्यम से अपना पक्ष और अन्य सुझाव पेश करें।"

    एडवोकेट जनरल से मामले में उपस्थित होने का अनुरोध करते हुए अदालत ने इसे 21 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    केस टाइटल: हाईकोर्ट ऑन हिज ओन मोशन बनाम द स्टेट ऑफ गोवा

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