बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस नोटरी को समन भेजा, जो 3-4 क्लर्कों के साथ काम कर रहा था; सभी खुद को नोटरी की तरह पेश करते हैं

LiveLaw News Network

15 Feb 2022 4:52 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई

    बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक नोटरी को समन भेजा है। उस पर आरोप है कि वह हाईकोर्ट की इमारत के बाहर से 3-4 क्लर्कों के साथ काम कर रहा है और वे क्लर्क खुद को नोटरी के रूप में पेश कर रहे हैं।

    नोटरी एक ऐसी सेवा है, जिसका उपयोग दस्तावेज को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है। नोटरी जब दस्तावेज की नकल को मूल के साथ प्रमाण‌ित कर देता है, उसके बाद उसे नोटरीकृत करना होता है। अदालत के समक्ष किसी व्यक्ति द्वारा किसी दस्तावेज को दाखिल करने के मामले में, नोटरी को उस व्यक्ति के पहचान दस्तावेज की जांच करनी चाहिए।

    पिछले हफ्ते जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस एमएन जाधव की खंडपीठ के ध्यान में लाया गया कि नोटरी शिवाजी धनगे एक साथ 3-4 क्लर्कों के साथ काम कर रहे थे, क्लर्क खुद को नोटरी के रूप में पेश कर रहे थे।

    कोर्ट ने कहा,

    "हमारा ध्यान श्री शिवाजी नामदेव धनगे नामक एक नोटरी की ओर आकर्षित किया गया है, जिन्होंने दस्तावेजों के नोटरीकरण के लिए हाईकोर्ट के नजदीक 3-4 कारें खड़ी की हैं। हमें सूचित किया गया है कि श्री धनगे एक वाहन में खुद बैठते हैं और उनके क्लर्क अन्य वाहनों में बैठते हैं और खुद को नोटरी के रूप में पेश कर रहे हैं और दस्तावेजों को नोटरीकृत कर रहे हैं।"

    अदालत ने 11 फरवरी, 2022 के धनगे को उसी दिन दोपहर 2.30 बजे पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि, एक वकील राज शाह ने पीठ को बताया कि धनगे ने उनके सीनियर विजयकुमार दीघे से कहा था कि वह (धनगे) दिल्ली में हैं और इसलिए मामले की सुनवाई अगले सप्ताह की जानी चाहिए।

    अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि धनगे कब दिल्ली के लिए रवाना हुए और उनके मुंबई कब लौटने की उम्मीद है, शाह ने अदालत से कहा कि वह पिछले 3-4 दिनों से दिल्ली में हैं। जब अदालत ने आगे यह जानना चाहा कि धनगे दिल्ली में कब तक रहेंगे? तब शाह ने अपने वरिष्ठ दीघे को फोन किया और अदालत को सूचित किया कि वे धनगे से संपर्क करने में असमर्थ हैं।

    वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान, अदालत ने दीघे से सीधे फोन पर बात की और उन्हें धनगे से दिल्ली में उनके प्रवास के विवरण के बारे में पूछताछ करने के लिए कहा। दीघे ने तब उस न्यायालय के सहयोगी को फोन किया और जस्टिस एसजे कथावाला से बात की और अदालत को सूचित किया कि धनगे अब कह रहे थे कि वह दिल्ली में नहीं थे, बल्कि पिछले 3-4 दिनों से चेंबूर (मुंबई के पूर्वी हिस्से में एक उपनगर) में थे।

    दीघे ने अदालत से माफी मांगी और कहा कि भ्रामक बयान देने के लिए धनगे के खिलाफ जो भी कदम उठाने की जरूरत है, अदालत उसमें आगे बढ़ सकती है।

    कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि श्री शिवाजी धनगे द्वारा इस न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता विजयकुमार दिघे और श्री राज शाह के माध्यम से गलत बयान दिए गए हैं। इसलिए श्री शिवाजी धनगे को 14 फरवरी, 2022 को सुबह 10.30 बजे अपनी नोटरी के साथ इस न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया जाता है।

    श्री विजयकुमार दीघे, जो श्री शिवाजी धनगे से परिचित हैं, को इस आदेश के बारे में सूचित किया गया है और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वह इसे श्री शिवाजी धनगे को जानकारी दे देंगे।"

    Next Story