बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख मामले में महाराष्ट्र सरकार द्वारा असहयोग का आरोप लगाने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

5 Aug 2021 10:42 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख मामले में महाराष्ट्र सरकार द्वारा असहयोग का आरोप लगाने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया

    बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र सरकार राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए दस्तावेज साझा नहीं कर रही है।

    जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ ने गुरुवार को राज्य को नोटिस जारी किया।

    इसके साथ ही मामले को 11 अगस्त को सुनवाई के लिए पोस्ट किया।

    सीबीआई के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार से स्थानांतरण और पोस्टिंग पर दस्तावेजों की मांग नहीं करने के उनके पहले के बयान केवल राज्य की याचिका पर फैसला होने तक ही थे।

    इसके अलावा, दस्तावेजों को अस्वीकार करने वाले राज्य के पत्र का कार्यकाल ऐसा था कि यह प्रभावी रूप से सीबीआई अधिकारियों को धमकी देने के समान होगा।

    जस्टिस शिंदे ने कोर्ट में मौजूद राज्य के वकील से कहा,

    "कुछ एसीपी सीबीआई अधिकारियों को धमका रहे हैं। कृपया पता करें कि मामला क्या है। एक अनुचित स्थिति पैदा न करें कि हमें उन्हें काम करने के लिए कहना पड़े।"

    महाराष्ट्र सरकार ने यह कहते हुए दस्तावेजों को साझा करने से इनकार कर दिया कि वे हाईकोर्ट के 22 जुलाई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

    22 जुलाई को हाईकोर्ट ने सीबीआई की एफआईआर के कुछ हिस्सों को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

    जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की बेंच ने कहा,

    'डिवीजन बेंच में की गई टिप्पणी को ध्यान में रखते हुए जांच एजेंसी अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों से जुड़े तबादलों और पोस्टिंग की वैध रूप से जांच कर सकती है।

    सीबीआई द्वारा मांगे गए दस्तावेज वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा तैयार किया गया एक अगस्त 2020 का पत्र / रिपोर्ट है, जो राज्य के खुफिया विभाग का नेतृत्व कर रही थी। यह रिपोर्ट पुलिस पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के मुद्दे से संबंधित है।

    सीबीआई की याचिका में कहा गया कि उसने राज्य के खुफिया विभाग (एसआईडी) को पत्र लिखकर शुक्ला के संचार का विवरण मांगा था, लेकिन इसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि दस्तावेज चल रही जांच का हिस्सा है।

    सीबीआई ने कहा,

    "यह हाईकोर्ट के उस आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट रूप से उनके आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से अभी तक ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।"

    सीबीआई ने आगे कहा,

    "जांच में राज्य सरकार की लगातार बाधा को देखते हुए सीबीआई ने महाराष्ट्र सरकार को सीबीआई द्वारा मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराने और मांगे गए दस्तावेजों की एक प्रति सौंपने के लिए निर्देश देने की मांग की है।"

    बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 21 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की थी। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने 20 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

    केस शीर्षक: राज्य बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो

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