लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स में धमाका; दो की मौत, कई के घायल होने की आशंका

LiveLaw News Network

23 Dec 2021 9:04 AM GMT

  • लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स में धमाका; दो की मौत, कई के घायल होने की आशंका

    लुधियाना कोर्ट परिसर की तीसरी मंजिल पर गुरुवार को एक धमाका हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, इस भीषण विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य के घायल होने की आशंका है।

    दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस मौके पर पहुंच गई है और मामले की जांच की जा रही है। विस्फोट से कोर्ट की इमारत को काफी नुकसान पहुंचा है। इमारत के कई हिस्से धमाके में उड़ गए हैं।

    यह धमाका कथित तौर पर दोपहर करीब 12:22 बजे कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल के एक बाथरूम में हुआ। बताया जा रहा है कि धमाका इतना जोरदार था कि इससे बाथरूम की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं और बगल के कमरों की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।

    संबंधित समाचार में नौ दिसंबर को नई दिल्ली के रोहिणी में अदालत परिसर में एक मामूली विस्फोट हुआ था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि विस्फोट एक लैपटॉप बैग में हुआ था।

    घटना कोर्ट नंबर 102 में हुई, जब कोर्ट की कार्यवाही चल रही थी। विस्फोट के तुरंत बाद कार्यवाही रोक दी गई। धमाके में घायल एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    डीसीपी प्रणव तायल के अनुसार, विस्फोट एक लैपटॉप बैग में हुआ, जबकि अदालत की कार्यवाही चल रही थी।

    गौरतलब है कि रोहिणी के इसी कोर्ट परिसर में सितंबर में गैंगवार के तहत भीषण गोलीबारी हुई थी। इसमें चार गैंगस्टर मारे गए थे। इस घटना ने अदालत में सुरक्षा चूक को उजागर किया था। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया।

    गुरुवार की घटना ने न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने की आवश्यकता पर और जोर दिया है।

    उत्तरी दिल्ली वकील संघ के महासचिव, अधिवक्ता विनीत जिंदल ने एक प्रेस बयान जारी कर निम्नलिखित कहा:

    "जिला अदालतों में सुरक्षा चूक वादियों और अधिवक्ताओं के लिए एक बड़ी चिंता है। दिल्ली हाईकोर्ट भी सुरक्षा चूक पर ध्यान दे रहा है। दिल्ली पुलिस को निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन सुरक्षा का मुद्दा अभी भी वही है। दिल्ली के जिला न्यायालयों में अद्यतन उपकरणों के साथ प्रत्यायोजित सुरक्षा इकाई होनी होनी चाहिए। तभी हम दिल्ली की जिला अदालतों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। न्याय पाने के लिए न्यायालयों का दौरा करने वाले न्यायाधीश, अधिवक्ताओं और वादियों को न्यायालय में एक सुरक्षित वातावरण होना चाहिए। इन दिनों दिल्ली में जिला अदालतों में हुई हालिया घटनाओं से वादी, अधिवक्ता और यहां तक ​​कि न्यायाधीश भी डरे हुए हैं।"

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