पॉक्सो मामले में बेंगलुरु कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को तलब किया

Shahadat

19 Nov 2025 12:31 PM IST

  • पॉक्सो मामले में बेंगलुरु कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को तलब किया

    बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार (18 नवंबर) को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और अन्य आरोपियों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत दर्ज एक मामले में समन जारी किया।

    अदालत ने अपने आदेश में कहा,

    "जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है, माननीय कर्नाटक हाईकोर्ट ने संज्ञान लेने और आरोपी नंबर 1 से 4 को समन जारी करने के आदेश की पुष्टि की है। इसके अलावा, POCSO Act की धारा 35 के अनुसार, संज्ञान लेने के 30 दिनों के भीतर बच्चे का साक्ष्य दर्ज किया जाना चाहिए। इसलिए अदालत मामले को आगे बढ़ा सकती है और आरोपियों की शीघ्र उपस्थिति का आदेश जारी कर सकती है।"

    इसमें आगे कहा गया,

    "यदि मामले को आरोपियों की शीघ्र उपस्थिति के लिए स्थगित कर दिया जाता है तो उनके प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा। तदनुसार, कार्यालय को 28.02.2025 के आदेश के अनुपालन में आरोपी संख्या 1 से 4 तक को समन जारी करने का निर्देश दिया जाता है। 2 दिसंबर को पेश हों।"

    पीड़िता की माँ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, येदियुरप्पा ने पिछले साल फरवरी में बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर बैठक के दौरान उनकी 17 वर्षीय बेटी का यौन उत्पीड़न किया। 14 मार्च, 2024 को सदाशिवनगर पुलिस ने मामला दर्ज किया। बाद में इसे आगे की जाँच के लिए CID ​​को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसने पुनः FIR दर्ज की और आरोप पत्र दायर किया।

    पुलिस उपाधीक्षक, विशेष जांच प्रभाग, CID ​​ने सभी आरोपी 4 के खिलाफ POCSO Act, 2012 की धारा 8 और IPC की धारा 37 के साथ धारा 354ए, 204, 214 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोप पत्र दायर किया था।

    अदालत ने 4 जुलाई, 2024 को अपराधों के लिए संज्ञान लिया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया और मामले को वापस भेज दिया। इसके बाद 28 फरवरी को स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ फिर से संज्ञान लेने का आदेश पारित किया। इसे फिर से चुनौती दी गई और हाईकोर्ट ने 14 मार्च को संज्ञान पर रोक लगाई।

    दोनों पक्षकारों की विस्तृत सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अंततः 13 नवंबर को संज्ञान लेने का आदेश बरकरार रखा।

    गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट से कहा कि वह येदियुरप्पा की उपस्थिति पर तब तक ज़ोर न दे, जब तक कि मुकदमे के दौरान यह आवश्यक न हो। उसने आदेश दिया कि ट्रायल कोर्ट "ए-1 की ओर से दायर छूट आवेदन पर तब तक विचार करेगी, जब तक कि उसकी उपस्थिति आवश्यक न हो।"

    Case Title: CID (SADASHIVANAGAR PS) Versus A1 B S YEDIYURAPPA & Others

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