बेलगावी महिला हमला| 'आधुनिक दुनिया 'दुशासन' की, कोई कृष्ण पीड़िता की मदद के लिए नहीं आया': कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की आलोचना की, सीपी के पेश होने को कहा

LiveLaw News Network

14 Dec 2023 5:16 PM IST

  • बेलगावी महिला हमला| आधुनिक दुनिया दुशासन की, कोई कृष्ण पीड़िता की मदद के लिए नहीं आया: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की आलोचना की, सीपी के पेश होने को कहा

    बेलगावी में एक महिला को उसके बेटे द्वारा एक लड़की के साथ भागने के बाद कथित तौर पर पीटा गया और नग्न घुमाया गया और बाद में उसे बिजली के खंभे से बांध दिया गया था, इस मामले में स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए, कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज राज्य पुलिस द्वारा घटना को रोकने में उसकी विफलता पर उसे कड़ी फटकार लगाई।

    दरअसल, लड़की की सगाई 11 दिसंबर को तय थी, लेकिन वह 10 दिसंबर की रात को उसी गांव के एक लड़के (पीड़ित के बेटे) के साथ भाग गई, जिससे लड़की के रिश्तेदार लड़के के घर पहुंचे और तोड़फोड़ की और उसकी मां को पीटा। हाईकोर्ट ने मंगलवार (12 दिसंबर) को घटना का संज्ञान लिया।

    चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए इस घटना की तुलना महाभारत काल से की। कोर्ट ने का कि द्रौपदी को भगवान श्री कृष्ण की मदद मिली थी, लेकिन आधुनिक युग में किसी ने भी महिला की मदद नहीं की। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह दुर्योधन और दुशासन की दुनिया है।

    उस घटना का जिक्र करते हुए जहां पीड़िता को गंभीर आघात का सामना करना पड़ा, उसे खंभे से बांधा गया और दो घंटे तक बेरहमी से पीटा गया, अदालत ने कहा कि उसे "उन जानवरों (आरोपियों) की दया पर छोड़ दिया गया था"। घटना के संबंध में कड़ी निंदा व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को उनके कृत्य की गंभीरता और शर्मनाकता को देखते हुए इंसान नहीं माना जाना चाहिए।

    कोर्ट ने कहा, “कल्पना कीजिए कि वह किस आघात से गुज़री होगी। जब तक हम खुद को पीड़ित की जगह पर नहीं रखेंगे, हम कल्पना नहीं कर पाएंगे। हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि यह एक असाधारण मामला है और हमारे हाथों इसका असाधारण इलाज होगा...मुझे आरोपियों को इंसान कहने में शर्म आती है। कोई इतना क्रूर, इतना अमानवीय कैसे हो सकता है? हम जानते हैं कि आप चीजों को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं, लेकिन घटना को देखिए।''

    उक्त टिप्पाणियों के सा‌थ न्यायालय ने राज्य सरकार को पीड़ित को पीड़ित मुआवजा योजना का लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया, जिससे पीड़ित को "कुछ सांत्वना" मिल सके। न्यायालय ने अतिरिक्त स्थिति रिपोर्ट भी मांगी और मामले को सोमवार के लिए स्थगित कर दिया।

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