बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने वकीलों का अपमान करने के लिए हाईकोर्ट के जज के तबादले की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया

Shahadat

30 Sept 2024 9:52 AM IST

  • बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने वकीलों का अपमान करने के लिए हाईकोर्ट के जज के तबादले की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया

    बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर इलाहाबाद हाईकोर्ट से जस्टिस संगीता चंद्रा को दूसरे हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की।

    इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि जस्टिस चंद्रा को तब तक कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा जाना चाहिए, जब तक उनका तबादला नहीं हो जाता।

    काउंसिल ने अवध बार एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एडवोकेट मनोज कुमार द्विवेदी के उस पत्र का भी समर्थन किया, जिसमें जस्टिस चंद्रा के तबादले की मांग करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को संबोधित किया गया।

    यह पत्र जस्टिस चंद्रा की अगुवाई वाली खंडपीठ द्वारा 27 सितंबर को सीनियर एडवोकेट सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही की सिफारिश करने वाले आदेश के बाद लिखा गया।

    चीफ जस्टिस को लिखे अपने पत्र में अवध बार एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि जस्टिस चंद्रा ने सीनियर एडवोकेट एससी मिश्रा के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का आदेश जारी करके अपने पद की गरिमा के खिलाफ काम किया।

    अपने प्रस्ताव में राज्य बार काउंसिल ने यह भी उल्लेख किया कि उसके कई सदस्यों ने उसे बताया कि जस्टिस चंद्रा ने न केवल लखनऊ पीठ में बल्कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी कार्य करते हुए अधिवक्ताओं का अपमान किया था।

    बता दें कि सीनियर एडवोकेट एससी मिश्रा के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही की सिफारिश की गई, क्योंकि पीठ ने पाया कि सीनियर एडवोकेट ने अदालत की कार्यवाही के संचालन पर आक्षेप लगाकर और द्वेष के व्यक्तिगत आरोप लगाकर अदालत को "बदनाम" किया और "उसकी गरिमा को कम किया।"

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