तमिलनाडु और पुडुचेरी बार काउंसिल ने पेशेवर कदाचार के लिए दो वकीलों की प्रैक्टिस पर रोक लगाई
LiveLaw News Network
16 Dec 2021 11:32 AM IST
तमिलनाडु और पुडुचेरी बार काउंसिल ने दो वकीलों के खिलाफ पेशेवर कदाचार और फुलटाइम नौकरी होने के तथ्य को दबाने के लिए निषेधात्मक आदेश पारित किया।
इस संबंध में 15 दिसंबर को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि काउंसिल ने अधिवक्ता ई. विमल कुमार के खिलाफ अधिवक्ता अधिनियम की धारा 35 के तहत पेशेवर और अन्य कदाचार के आधार पर एक प्रस्ताव पारित किया।
परिषद को उक्त अधिवक्ता के विरुद्ध धन की हेराफेरी करने तथा एक महिला और उसके बौद्धिक रूप से अक्षम पुत्र को जान से मारने की धमकी देने की शिकायत प्राप्त हुई थी। अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि एडवोकेट कुमार ने उससे कई सोने के गहने हासिल किए, उसकी संपत्ति के दस्तावेजों का दुरुपयोग करने का प्रयास किया और उसके पति के जाली हस्ताक्षर किए।
शिकायत दर्ज होने के बाद बार काउंसिल की अधिसूचना में कहा गया कि वकील ने दो सितंबर को एक अन्य वकील के साथ शराब के नशे में पूनमल्ली बार एसोसिएशन के परिसर में प्रवेश किया और कोर्ट परिसर के अंदर एसोसिएशन परिसर में कहर बरपाया।
अधिसूचना में यह भी कहा गया कि आरोपी वकील ने एसोसिएशन सचिव और उस समय मौजूद अन्य लोगों को मौखिक रूप से गाली दी थी। उसने बार काउंसिल के चेयरमैन को गाली भी दी थी और जान से मारने की धमकी भी दी थी। यहां तक कि उसने शारीरिक रूप से हमला किया और सचिव को घायल कर दिया। साथ उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। हालांकि इस वकील को अब प्रैक्टिस करने से रोक दिया गया है।
उक्त वकील के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ पूनमल्ली पुलिस स्टेशन, चेन्नई में एसोसिएशन सचिव द्वारा की गई शिकायत पर एक आपराधिक मामला लंबित है। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 294 (बी), 323 और 506 (i) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
एक अन्य वकील बी. इलैयाराजा को इस आधार पर कार्रवाई का सामना करना पड़ा कि उसने तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) में पूर्णकालिक कर्मचारी के रूप में काम करते हुए कानून की डिग्री पूरी की। अधिसूचना के अनुसार, उसने 2013 में TASMAC में पूर्णकालिक कर्मचारी के रूप में काम करने के तथ्य को छुपाकर बार में दाखिला लिया।
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