BREAKING| सीजेआई गवई पर हमले का प्रयास करने वाले वकील को BCI ने किया निलंबित
Shahadat
6 Oct 2025 5:55 PM IST

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर आज (सोमवार) सुबह हुए हमले के प्रयास के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने दोषी वकील का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले वकील राकेश किशोर को निलंबित कर दिया गया।
BCI द्वारा जारी आधिकारिक प्रैक्टिस निलंबन आदेश में कहा गया:
यह अंतरिम आदेश एडवोकेट एक्ट, 1961 और BCI के व्यावसायिक आचरण और शिष्टाचार मानकों पर नियमों के अध्याय II (भाग VI), विशेष रूप से धारा I, नियम 1, 2 और 3 के तहत जारी किया गया, जो यह अनिवार्य करते हैं कि एक वकील अदालत में गरिमा और आत्मसम्मान के साथ आचरण करे, अदालतों के प्रति सम्मानजनक रवैया बनाए रखे और न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित करने वाले अवैध या अनुचित तरीकों से दूर रहे।
प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि 6 अक्टूबर 2025 को प्रातः लगभग 11.35 बजे सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में आप अर्थात् एडवोकेट राकेश किशोर, जिन्होंने एनरोलमेंट नंबर D/1647/2009 के तहत दिल्ली बार काउंसिल में एनरोलमेंट कराया, उन्होंने चल रही कार्यवाही के दौरान अपने स्पोर्ट्स शूज़ उतार दिए और उन्हें सीजेआई की ओर फेंकने का प्रयास किया, जिसके बाद आपको सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया। अभिलेखों के अनुसार, आपका आचरण उपर्युक्त नियमों और न्यायालय की गरिमा के विरुद्ध है।
उपरोक्त के मद्देनजर, आपको अर्थात् एडवोकेट राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से वकालत से निलंबित किया जाता है।
आदेश में निर्देश दिया गया कि निलंबन अवधि के दौरान, एडवोकेट भारत में किसी भी न्यायालय, न्यायाधिकरण या प्राधिकरण के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते, कार्य नहीं कर सकते, पैरवी नहीं कर सकते या वकालत नहीं कर सकते। अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाएगी और कारण बताओ नोटिस जारी करके एडवोकेट से 15 दिनों के भीतर यह स्पष्ट करने को कहा जाएगा कि निलंबन क्यों जारी न रखा जाए।
दिल्ली बार काउंसिल को तत्काल अनुपालन का कार्य सौंपा गया, जिसमें एडवोकेट की स्थिति को अद्यतन करना, सभी कोर्ट और ट्रिब्यूनल्स को सूचित करना और वकील को उनके रजिस्टर्ड पते और रजिस्टर्ड ईमेल पर आदेश की तामील कराना शामिल है। अनुपालन रिपोर्ट दो दिनों के भीतर BCI के पास जमा करनी होगी।
इसके अलावा, आदेश प्राप्त होने के 48 घंटों के भीतर वकील को BCI और दिल्ली बार काउंसिल दोनों के पास अनुपालन का हलफनामा जमा करना होगा और निलंबन के दौरान अनुपस्थिति की पुष्टि करते हुए नोटरीकृत स्कैन की गई कॉपी BCI को ईमेल करनी होगी।
आगे कहा गया,
"निलंबन की अवधि के दौरान, आपको भारत में किसी भी कोर्ट, ट्रिब्यूनल या प्राधिकरण में उपस्थित होने, कार्य करने, पैरवी करने या वकालत करने से रोक दिया जाता है। कानून के अनुसार आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाएगी।
इस आदेश की तामील से 15 दिनों के भीतर आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि यह कार्रवाई क्यों जारी न रखी जाए और आगे उचित समझे जाने वाले अन्य आदेश क्यों न पारित किए जाएं।"
दिल्ली बार काउंसिल तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करेगी, जिसमें वकील की स्थिति को अपने रोल पर अपडेट करना तथा अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी कोर्ट और ट्रिब्यूनल्स को इस निलंबन के बारे में सूचित करना शामिल है।"

