पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में जम्मू और श्रीनगर के बार एसोसिएशन ने बंद का आह्वान किया
Shahadat
23 April 2025 4:47 AM

22 अप्रैल, 2025 को अनंतनाग जिले के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (JKHCBA), श्रीनगर ने कड़ी निंदा की है। साथ ही इस घटना को निर्दोष नागरिकों और पर्यटकों पर "कायरतापूर्ण और बर्बर हमला" बताया।
इस हमले में कई लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए, जिसने क्षेत्र की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। पीड़ितों के प्रति सम्मान और विरोध के एक गंभीर संकेत के रूप में JKHCBA श्रीनगर ने 23 अप्रैल, 2025 को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट, साथ ही सभी अधीनस्थ न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में अदालती काम को पूरी तरह से स्थगित करने का आह्वान किया।
JKHCBA के अध्यक्ष एडवोकेट वसीम गुल ने कानूनी बिरादरी की ओर से गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा,
“जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, श्रीनगर, 22 अप्रैल, 2025 को अनंतनाग जिले के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है। निर्दोष पर्यटकों और नागरिकों पर यह क्रूर हमला, जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें और चोटें आईं। हिंसा का एक निंदनीय कृत्य है, जिसका सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। हम इस बर्बर कृत्य की निंदा करने में एकजुट हैं, जो जम्मू और कश्मीर की शांति और सद्भाव को बाधित करने का प्रयास करता है।”
इस बीच जम्मू में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जम्मू ने भी पीड़ितों के साथ एकजुटता में 23 अप्रैल को अदालती कार्यवाही को पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की है। एकमतता के दुर्लभ प्रदर्शन में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिक समाज समूहों ने जम्मू बंद का आह्वान करने के लिए हाथ मिलाया है।
अध्यक्ष मिस्टर के. निर्मल कोटवाल द्वारा जारी एक बयान में कहा गया,
"जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जम्मू इस कठिन समय में पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है। हम उन परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस दुखद घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमारे विचार और प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ भी हैं जो घायल हुए हैं। हम ईमानदारी से उनके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं।"
चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, परिवहन संघों और व्यापारियों के संघों ने अपना पूर्ण समर्थन दिया, जिसके कारण जम्मू में पूर्ण बंद रहेगा। सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहेगा। आतंक के अपराधियों के खिलाफ और शोक संतप्त परिवारों के समर्थन में एक प्रतीकात्मक विरोध के रूप में पूर्ण चक्का जाम (सड़क नाकाबंदी) की घोषणा की गई।