मंदिरों के 5 किलोमीटर के दायरे में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध, असम विधानसभा में 'असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021' पारित

LiveLaw News Network

14 Aug 2021 8:44 AM GMT

  • मंदिरों के 5 किलोमीटर के दायरे में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध, असम विधानसभा में असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 पारित

    असम विधान सभा ने 'असम मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021' (जो मौजूदा असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1950 की जगह लेता है) को हंगामे के बीच गुरुवार को पारित कर दिय। विपक्ष विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग मांग कर रहा था, और मांग न माने जाने के बाद उसने सदन से वाकआउट किया।

    इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार , जो "मवेशियों के वध, उपभोग और परिवहन को विनियमित करने" का प्रस्ताव करता है, गायों को केवल सरकार की पूर्व अनुमति से और वह भी केवल लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में ही वध करने की अनुमति होगी।"

    विधेयक में मंदिरों, जात्राओं और उन क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रस्ताव है जहां बीफ नहीं खाने वाले समुदायों का बहुमत है। साथ ही 14 साल से कम उम्र की गायों और बछड़ों का वध नहीं किया जा सकता है।

    प्रस्तावित कानून में वैध दस्तावेजों के बिना असम से होकर और असम से मवेशियों के अंतरराज्यीय परिवहन पर भी प्रतिबंध है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में पहले से मौजूद वध विरोधी कानूनों के विपरीत, जिसमें केवल गोवंश शामिल है और भैंस नहीं, यह बिल गाय मवेश‌ियों प्रकार के बीच अंतर नहीं करता है।

    मवेशियों की परिभाषा में "बैल, सांड़, गाय, बछिया, बछड़ा, नर और मादा भैंस और भैंस के बछड़े शामिल हैं।"

    विधेयक के कथन और उद्देश्य के अनुसार, " ... यह वर्षों से देखा गया है कि (असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1950) में मवेशियों के वध, उपभोग और परिवहन से पैदा मुद्दों से निपटने के लिए पर्याप्त कानूनी प्रावधानों का अभाव है।"

    विधेयक की मुख्य विशेषताएं

    मवेशियों के परिवहन पर प्रतिबंध [धारा 7]

    इस विशेष प्रावधान में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति वैध परमिट के बिना किसी भी मवेशी का परिवहन या परिवहन के लिए प्रस्ताव या परिवहन नहीं करवाएगा -

    -असम से होकर अन्य राज्यों के किसी भी स्थान से असम के बाहर किसी भी स्थान पर;

    -असम के भीतर किसी भी स्थान से असम राज्य के बाहर किसी भी स्थान तक, जहां मवेशियों का वध कानून द्वारा विनियमित नहीं है।

    मंदिरों के पास बीफ और बीफ उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध [धारा 8]

    इसमें कहा गया है कि मुख्य रूप से ऐसे क्षेत्रों, जिनमें हिंदू, जैन, सिख और बीफ ना खाने वाले अन्य समुदायों की बसाहट है, या मंदिर, जात्रा या हिंदू धर्म के अन्य धार्मिक संस्‍थानों के 5 किमी के दायरे में कोई भी व्यक्ति बीफ या बीफ उत्पादों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बिक्री या पेशकश या बिक्री के लिए उजागर नहीं करेगा या बीफ या बीफ उत्पादों को खरीदेगा नहीं।

    किसी भी हिरासत में प्रवेश करने, निरीक्षण करने, तलाशी लेने, जब्त करने की शक्ति [धारा 11]

    यह प्रावधान किसी भी पुलिस अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य व्यक्ति को अपने अधिकार क्षेत्र में "किसी भी परिसर में प्रवेश करने और निरीक्षण करने" की शक्ति प्रदान करता है यदि उनके पास " यह मानने का कारण है कि उक्त अधिनियम / विधेयक के तहत अपराध किया गया है या होने की संभावना है।"

    दंड [धारा 13]

    विधेयक के प्रावधान का उल्लंघन करने के दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम तीन साल ( जिसे आठ साल तक बढ़ाया जा सकता है) सजा और 3 लाख रुपये का जुर्माना (ऊपरी सीमा 5 लाख रुपये तक) या दोनों के लिए जेल की सजा का प्रस्ताव है। बार-बार अपराध करने वालों के लिए सजा दोगुनी हो जाएगी।

    उक्त विधेयक के तहत सभी अपराधों संज्ञेय और गैर-जमानती [धारा 14]

    फरार अपराधियों के फोटो आदि का प्रकाशन [धारा 15]

    इस धारा में प्रावधान है कि यदि कोई अधिकारी, जो एसपी के पद से नीचे का न हो, के पास यह मानने का कारण है कि इस विधेयक के तहत किसी व्यक्ति द्वारा अपराध किया गया है और जिसके खिलाफ वारंट जारी किया गया है वह ऐसी गिरफ्तारी से फरार है, तो उसकी तस्वीरों को, नाम के साथ प्रमुख स्थानों पर प्रकाशित किया जाएगा।

    विधेयक की धारा 20 राज्य सरकार को, किसी स्थानीय प्राधिकरण या सोसायटी मान्यता अधिनियम, 1960, या किसी केंद्रीय अधिनियम या किसी संघ या संगठन के तहत पंजीकृत सोसायटी को ऐसे स्थानों, पर जिन्हें मवेशियों की देखभाल के लिए आवश्यक समझा जा सकता है, पर गौशालाओं सहित एक संस्था स्थापित करने के लिए निर्देशित है।

    बिल डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

    Next Story