आर्यन खान की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बनाई गई 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड': हाईकोर्ट में समीर वानखेड़े की दलील
Shahadat
31 Oct 2025 1:08 PM IST

IRS अधिकारी समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में दलील दी कि नेटफ्लिक्स सीरीज़ "बैड्स ऑफ बॉलीवुड" एक कथित ड्रग्स मामले में शो के निर्देशक आर्यन खान की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बनाई गई।
वानखेड़े ने यह दलील रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट द्वारा उनके मानहानि मुकदमे में अंतरिम निषेधाज्ञा आवेदन का विरोध करते हुए दायर जवाब के जवाब में देह है।
बता दें, वानखेड़े नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अधिकारी थे, जिन्होंने 2021 में उस जांच का नेतृत्व किया था, जिसके परिणामस्वरूप आर्यन खान की गिरफ्तारी हुई थी।
बाद में NCB की विशेष जांच टीम (SIT) को अपर्याप्त सबूत मिले और मई 2022 में आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी गई।
प्रोडक्शन कंपनी ने दावा किया है कि सीरीज़ में पात्रों का चित्रण पूरी तरह से व्यंग्य और पैरोडी है और किसी भी तरह से मानहानि नहीं है।
इसमें यह भी कहा गया कि वानखेड़े ने अपने आचरण से "अपनी प्रतिष्ठा धूमिल" की है और सीरीज के प्रसारण से बहुत पहले ही वे उपहास और मीम्स का विषय बन चुके हैं।
इस जवाब का विरोध करते हुए वानखेड़े ने कहा:
"हालांकि, सही स्थिति यह है कि मानहानिकारक सामग्री वादी के साथ व्यक्तिगत बदला लेने और मिस्टर आर्यन खान की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बनाई गई। मानहानिकारक सामग्री व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए सिनेमाई शक्ति का दुरुपयोग करने और फिर "व्यंग्य" के सुविधाजनक आवरण के पीछे छिपने की सुनियोजित साजिश है।"
उन्होंने आगे कहा कि रेड चिलीज़ इस सुनियोजित और प्रतिशोधी "हिट जॉब" को व्यंग्य का रंग देकर अदालत के सामने शरारत कर रही है।
इसके अलावा, उनके जवाब में कहा गया कि "तथाकथित व्यंग्य" की आड़ में प्रोडक्शन कंपनी को उनका उपहास करने, अपमानित करने और बदनाम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
वानखेड़े ने कहा कि यह सीरीज़ एक सेवारत IRS अधिकारी की पेशेवर प्रतिष्ठा और व्यक्तिगत गरिमा को नष्ट करने के लिए बनाई गई, जिन्होंने दशकों तक सार्वजनिक सेवा में योगदान दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रोडक्शन कंपनी जानबूझकर उन विवादों या कानूनी कार्यवाहियों का संदर्भ दे रही है जो कई मंचों या अदालतों में विचाराधीन हैं।
वानखेड़े ने कहा,
"प्रतिवादी नंबर 1 का यह कथन कि वादी "पहले से ही सार्वजनिक उपहास और प्रतिकूल टिप्पणियों का विषय है", उसके दुर्भावनापूर्ण इरादे की आत्म-निंदा करने वाली स्वीकारोक्ति है। यह दावा करके कि वादी का "पहले से ही" उपहास किया जा रहा है, प्रतिवादी मौजूदा आलोचना की आड़ में उपहास और मानहानि के अपने आगे के कृत्यों को उचित ठहराने का प्रयास कर रहा है, जिससे यह स्वीकार किया जा रहा है कि उसके अपने कार्यों का उद्देश्य उसी आग में घी डालना है।"
उन्होंने आगे कहा,
"यह दलील प्रतिवादी की दुर्भावना को उजागर करती है कि चूंकि वादी कथित तौर पर पहले से ही सार्वजनिक आलोचना का निशाना है, इसलिए उसे उसे और नीचा दिखाने की पूरी छूट है, वह भी व्यावसायिक लाभ के लिए। इस प्रकार, अपनी स्वयं की स्वीकारोक्ति से प्रतिवादी यह स्वीकार करता है कि उसकी सीरीज कलात्मक अभिव्यक्ति का स्वतंत्र कार्य नहीं है, बल्कि वादी का और अधिक उपहास, मज़ाक और बदनामी करने के एक लक्षित अभियान का सिलसिला है, एक ऐसा कृत्य जो स्पष्ट रूप से गंभीर मानहानि और रचनात्मक स्वतंत्रता के दुरुपयोग का गठन करता है।"
वानखेड़े ने आगे कहा कि रेड चिलीज़ को ऐसे लोक सेवक को बदनाम करने से पहले आत्मनिरीक्षण करना चाहिए, जिसका सेवा रिकॉर्ड "प्रशंसाओं और सतर्कता मंज़ूरी से पुष्ट" है।
उन्होंने कहा कि रेड चिलीज़ का आचरण न केवल मानहानिकारक है, बल्कि एक ऐसे सेवारत अधिकारी के चरित्र हनन की जानबूझकर, पूर्वनियोजित और दुर्भावनापूर्ण योजना को दर्शाता है, जिसने साहस और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
Case Title: SAMEER DNYANDEV WANKHEDE v. RED CHILLIES ENTERTAINMENTS PVT. LTD. & ORS

