हाईकोर्ट में केस लिस्टिंग की नई प्रणाली के खिलाफ कार्य बहिष्कार करेगा अवध बार एसोसिएशन और इलाहाबाद एचसीबीए

Avanish Pathak

10 May 2022 11:36 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट


    लखनऊ स्थित अवध बार एसोसिएशन और प्रयागराज स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्यों का बॉयकॉट करने/तटस्‍थ रहने का निर्णय लिया है। बार ने यह फैसला हाईकोर्ट में मामलों की ल‌िस्टिंग संबंधित नई प्रणाली के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए लिया है।

    अवध बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति ने सोमवार को बैठक कर सदस्यों की समस्याओं और बार के सदस्यों से नई लिस्टिंग प्रणाली के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर विचार-विमर्श किया।

    लाइव लॉ से बात करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी ने कहा कि हम लिस्टिंग की नई प्रणाली के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और हमने केवल एक दिन के लिए न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का फैसला किया है ताकि हम अपना विरोध दर्ज करा सकें।

    अवध बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक में निम्न मुद्दों पर प्रकाश डाला गया-

    (ए) नए मामलों में रजिस्ट्री ने अनावश्यक और अनुचित दोषों की जानकारी दी है, यहां तक ​​कि विशेष याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं,और माननीय न्यायालय द्वारा उस पर निर्णय लेने के लिए संबंधित अदालत को याचिकाओं को अग्रेषित नहीं किया गया है।

    (बी) नए मामलों को पारित करने और सूचीबद्ध करने में लगने वाला अत्यधिक समय,

    (सी) दोष हटाने की प्रक्रिया, आवश्यक रूप से पूरक शपथ पत्र दाखिल करके दोष को दूर करना (यहां तक ​​​​कि मामूली दोषों जैसे कि कोर्ट फी की कमी, संलग्न प्रोफार्मा के वकील के हस्ताक्षर की कमी, आदि), जो पहले विद्वान वकील द्वारा किया गया था, और

    (डी) माननीय न्यायालयों द्वारा सूचीबद्ध करने के आदेश के बावजूद लंबित मामलों को सूचीबद्ध नहीं करना।

    बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि बार के सदस्यों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, बावजूद इसके कि इन मुद्दों को अलग-अलग स्तरों पर बार-बार उठाया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

    इस पृष्ठभूमि में, माननीय मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करने का संकल्प लिया गया-

    - दोष दूर करने की पुरानी प्रथा को बहाल करना,

    - रजिस्ट्री को निर्देश दें कि अनावश्यक और अनुचित दोषों की रिपोर्ट न करें और फाइल को आवश्यक नोट के साथ संबंधित माननीय न्यायालय के समक्ष रखें,

    - पहले की प्रथा के अनुसार संबंधित अदालत के सामने 48 घंटे के भीतर नए मामलों की सूची बनाएं, और

    - रजिस्ट्री को उन लंबित मामलों को सूचीबद्ध करने का निर्देश दें जिनमें सूचीबद्ध करने के आदेश हैं

    यह भी तय किया गया कि बार के सदस्य आज [10 मई, 2022, यानी मंगलवार] न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे।

    इसी तरह इलाहाबाद एचसीबीए ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर एसोसिएशन के मंगलवार (10 मई) को काम से दूर रहने के फैसले की जानकारी दी।

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