आर्यन खान केस : स्वतंत्र गवाह सोनू म्हस्के का दावा, एनसीबी ने कोरे कागज़ों पर दस्तखत करने के लिए धमकी दी, मुंबई की अदालत में हलफनामा

LiveLaw News Network

27 Nov 2021 8:31 AM GMT

  • आर्यन खान केस : स्वतंत्र गवाह सोनू म्हस्के का दावा, एनसीबी ने कोरे कागज़ों पर दस्तखत करने के लिए धमकी दी, मुंबई की अदालत में हलफनामा

    आर्यन खान ड्रग मामले में एक स्वतंत्र गवाह, सोनू म्हस्के ने मुंबई की अदालत में दावा किया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने उसे कोरे कागज़ (पंचनामा) पर हस्ताक्षर करने के लिए धमकाया।

    इसके अलावा, सोनू म्हस्के ने अपने हलफनामे का संज्ञान लेने के लिए मुंबई कोर्ट [नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय] के समक्ष अर्ज़ी देते हुए एनसीबी और उसके अधिकारियों के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं।

    म्हस्के ने आरोप लगाया है कि वह इमारत [लेक ल्यूसर्न] में फेसिलिटी मैनेजर के रूप में काम करता है। उसे एनसीबी से एक समन मिला और उसे धमकी दी कि अगर उसने एजेंसी की बात नहीं मानी तो उसे झूठे आपराधिक मामले में गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

    याचिकाकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि उसे एनसीबी, मुंबई के अधिकारी का फोन आया, जिसमें उसे आकर कुछ दस्तावेजों हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया और यह भी कहा कि ऐसा करने से मना करने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

    इसके अलावा, हलफनामे के अनुसार, एनसीबी, मुंबई के अधिकारी ने उसे धमकी दी कि यदि वह उनके साथ सहयोग नहीं करेगा तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा और अधिकारी ने कथित तौर पर उससे आगे कहा: "आप नहीं जानते, हम पुलिस अधिकारी हैं और आपको लॉक-अप में ले जाएंगे और आप लंबे समय तक बाहर नहीं आएंगे।"

    हलफनामे में यह कहा गया है कि म्हस्के को सोसाइटी से किसी अन्य व्यक्ति को कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए लाने के लिए कहा गया और उन्हें कागजात पर हस्ताक्षर करने के बाद एनसीबी अधिकारियों की धमकी के तहत उनके द्वारा कुछ कोरे कागजों पर भी हस्ताक्षर लिए गए। यह घटनाक्रम 5 अक्टूबर को हुआ।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि 'लेक ल्यूसर्न', जहां वह काम कर रहा है, वही इमारत है जहां ड्रग्स मामले के एक आरोपी आचित कुमार के खिलाफ तलाशी और जब्ती की गई थी। याचिकाकर्ता ने आगे आरोप लगाया है कि उसे मेमो की सामग्री (पेपर में क्या लिखा है) पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई।

    इसके अलावा इस हलफनामे में यह भी कहा है कि 10 नवंबर, 2021 को उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए एनसीबी कार्यालय आने के लिए कहा गया।

    याचिकाकर्ता ने यह भी आशंका व्यक्त की है कि एनसीबी, मुंबई उसकी इच्छा, उल्लंघन के खिलाफ उसका बयान दर्ज कर सकता है और आगे, उसे एनसीबी, मुंबई द्वारा आपराधिक मामले में झूठे फंसाने की लगातार धमकी दी जा रही है, इसलिए आवेदक / पंच गवाह बयान दर्ज करने के लिए एनसीबी के कार्यालय नहीं जाना चाहता।

    इससे पहले क्रूज लाइनर ड्रग मामले में एक पंच गवाह प्रभाकर सेल ने एक नोटरीकृत हलफनामा देते हुए केपी गोसावी (एनसीबी छापे में एक निजी व्यक्ति जिसकी आर्यन खान के साथ तस्वीर वायरल हुई थी), जांच अधिकारी और एनसीबी मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और अन्य पर जबरन वसूली के चौंकाने वाले आरोप लगाए थे।

    केपी गोसावी के निजी अंगरक्षक होने का दावा करते हुए सेल ने आरोप लगाया कि उन्हें एनसीबी कार्यालय में बुलाया गया था और समीर वानखेडे ने मामले के पंच गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने के लिए कहा था और उनके हस्ताक्षर 10 कोरे कागजों पर लिए गए थे।

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