राजगढ़ मंदिर विध्वंस: राजस्थान हाईकोर्ट ने जांच शुरू करने के लिए राज्य के आवेदन का जवाब देने के लिए अर्नब गोस्वामी को 10 दिन का समय दिया

Shahadat

6 July 2022 5:35 AM GMT

  • राजगढ़ मंदिर विध्वंस: राजस्थान हाईकोर्ट ने जांच शुरू करने के लिए राज्य के आवेदन का जवाब देने के लिए अर्नब गोस्वामी को 10 दिन का समय दिया

    राजस्थान हाईकोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के प्रमुख और एंकर अर्नब गोस्वामी को जांच शुरू करने के लिए एक आवेदन का जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया। गोस्वामी पर राजस्थान पुलिस ने राजगढ़ में कथित मंदिर विध्वंस के संबंध में एक प्रसारण के माध्यम से धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए मामला दर्ज किया है।

    राजस्थान हाईकोर्ट ने गोस्वामी को राज्य के उस आवेदन का जवाब देने के लिए कहा, जिसमें उसे दी गई अंतरिम सुरक्षा और मामले में जांच शुरू करने की स्वतंत्रता की मांग की गई है।

    अदालत ने गोस्वामी को मई में अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी, जिससे अधिकारियों को उसे गिरफ्तार करने से रोक दिया गया था।

    कोर्ट ने मंगलवार को गोस्वामी को 19 जुलाई तक राज्य के आवेदन का जवाब देने के लिए कहा। कोर्ट ने तब तक के लिए गोस्वामी की सुरक्षा भी बढ़ा दी।

    भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए, 295ए, 120बी, 499, 501, 504 और 505 और अन्य संबंधित धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 200 सपठित एन.एस.ए. के तहत अर्णब गोस्वामी के साथ-साथ रिपब्लिक भारत के अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 17.05.2022 को अंबामाता पुलिस स्टेशन, उदयपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

    राजस्थान में मंदिर के विध्वंस के संबंध में रिपब्लिक भारत द्वारा की गई समाचार रिपोर्टिंग के अनुसार एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा की शिकायत पर आधारित है। इस संबंध में अर्नब गोस्वामी ने उक्त एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

    20.05.2022 को मामले का उल्लेख सीनियर एडवोकेट द्वारा महेश जेठमलानी पीठ के समक्ष किया गया।

    जस्टिस दिनेश मेहता ने कहा,

    "मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और एफआईआर में लगाए गए सर्वव्यापी आरोपों को राज्य सरकार को स्थापित करने के प्रयास से संबंधित मानते हुए इस न्यायालय का विचार है कि याचिकाकर्ता से तत्काल पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। विशेष रूप से तब, जब लिखित सूचना में न तो कार्यक्रम का विवरण और न ही किसी विशिष्ट घटना का उल्लेख किया गया हो।"

    मामला अगली सुनवाई के लिए 19.07.2022 को सूचीबद्ध किया गया है।

    एडवोकेट मुक्तेश माहेश्वरी और याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट चौधरी पेश हुए, जबकि पीपी गौरव सिंह और एडवोकेट शिवांग सोनी उत्तरदाताओं की ओर से उपस्थित हुए।

    केस टाइटल: अर्नब गोस्वामी बनाम राजस्थान राज्य और अन्य।

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