माफी स्वीकार्य- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति को काले झंडे दिखाने के लिए लोगों को मैसेज फॉरवर्ड के आरोपी आदमी को जमानत दी
LiveLaw News Network
22 March 2021 8:14 AM GMT
![Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2019/06/750x450_03360372-allahabad-hc-1jpg.jpg)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बारे में लोगों से उनके घरों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर विरोध के निशान के रूप में काले झंडे दिखाने के बारे में एक आपत्तिजनक मैसेज फॉरवर्ड के आरोपी (मोहम्मद नईम) को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने एफआईआर 548/2020 में दर्ज आई.टी. की धारा 67 और आईपीसी की धारा 109, 153-ए, 505 (1) (बी), 505 (2) के तहत दर्ज एफआईआर पर आवेदक द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी।
आरोपी ने माफी मांगी
अभियुक्त-आवेदक की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि अभियुक्त ने आपत्तिजनक मैसेज नहीं किया और उसने केवल आपत्तिजनक मैसेज को फॉरवर्ड किया।
इसे आगे प्रस्तुत किया गया कि वह संदेश को फॉरवर्ड करने के लिए अपनी बिना शर्त माफी मांगना चाहता था और यह दावा करता है कि वह भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में लिप्त नहीं होगा।
इस के लिए अदालत ने वकील को निर्देश दिया कि वह बिना शर्त माफी के बारे में जेल से आरोपी आवेदक का हलफनामा दायर करे, जिसमें कहा गया कि उसका सांप्रदायिक सद्भाव, समाज, भारतीय संविधान और कानून के नियम में दृढ़ विश्वास है।
इसके लिए, आरोपी-आवेदक ने एक हलफनामा दायर किया, जिसमें जेल से उक्त सामग्री शामिल है और जिसे पूरक शपथ पत्र में रिकॉर्ड पर रखा गया।
कोर्ट का आदेश
मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अभियुक्त/आवेदक ने माफी मांगी और संदेश को फॉरवर्ड करने के लिए खेद व्यक्त किया, क्योंकि अभियुक्त-आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 07 नवंबर 2020 से जेल में है। इसलिए यह जमानत देने के लिए एक उपयुक्त मामला है।
अंत में, यह निर्देश दिया गया कि आवेदक (मोहम्मद नईम) को निजी बांड और संबंधित मजिस्ट्रेट/न्यायालय की संतुष्टि के अनुसार, उतनी ही राशि के दो जमानतदार पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया।
संबंधित समाचार में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनवरी 2021 में अमर पाल यादव नामक एक ट्रक चालक को जमानत दी थी, जिसने कथित तौर पर 24 घंटे के भीतर गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रिहा नहीं करने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मारने की धमकी देते हुए एक व्हाट्सएप मैसेज भेजा था।
इसी तरह, दिसंबर 2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कामरान अमीन खान नाम के 25 वर्षीय युवक को जमानत दी थी, जिसने कथित तौर पर एक व्हाट्सएप मैसेज भेजा था जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से मारने की धमकी दी गई थी।
केस का शीर्षक - मोहम्मद नईम बनाम यू.पी. [जमानत संख्या 10832 ऑफ 2020]
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