केनरा बैंक ने अनिल अंबानी के लोन अकाउंट को 'धोखाधड़ी' घोषित करने वाला आदेश वापस लिया

Shahadat

11 July 2025 6:46 PM IST

  • केनरा बैंक ने अनिल अंबानी के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी घोषित करने वाला आदेश वापस लिया

    उद्योगपति अनिल अंबानी को राहत देते हुए केनरा बैंक ने हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने रिलायंस कम्युनिकेशंस से संबंधित उनके लोन अकाउंट को "धोखाधड़ी वाला खाता" घोषित करने वाला अपना आदेश 'वापस' ले लिया।

    जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने इस बयान को स्वीकार कर लिया और अंबानी द्वारा उक्त आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा कर दिया।

    10 जुलाई को पारित अपने आदेश में जजों ने दर्ज किया,

    "अपराह्न 2:00 बजे बारी से पहले उल्लेख किया गया। केनरा बैंक के वकील ने निर्देश पर कहा कि बैंक ने याचिकाकर्ता के कंपनी अकाउंट को 'धोखाधड़ी' घोषित करने वाला आदेश वापस ले लिया। बैंक के वकील द्वारा दिए गए बयान के मद्देनजर, याचिका में आगे विचार के लिए कुछ भी शेष नहीं है। याचिका का निपटारा किया जाता है।"

    गौरतलब है कि खंडपीठ ने 7 फरवरी को उक्त आदेश पर रोक लगा दी थी, क्योंकि उसने पाया था कि बैंक की कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स पर जारी 'मास्टर सर्कुलर' और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लंघन है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और मास्टर सर्कुलर, दोनों ने ही यह अनिवार्य किया कि बैंक द्वारा धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स को वर्गीकृत करने से पहले उधारकर्ताओं की सुनवाई की जानी चाहिए।

    अंबानी की याचिका के अनुसार, केनरा बैंक ने 8 नवंबर, 2024 को रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी सहायक कंपनियों के लोन अकाउंट्स को 'धोखाधड़ी' के रूप में वर्गीकृत किया था, जिसमें 2017 में दिए गए 1,050 करोड़ रुपये के लोन के दुरुपयोग का हवाला दिया गया था।

    फरवरी की सुनवाई में अंबानी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट गौरव जोशी ने बताया कि हालांकि बैंक ने 8 नवंबर को वर्गीकरण आदेश पारित किया, लेकिन अंबानी को इसकी सूचना दिसंबर में ही दी गई, जो कि रिलायंस कम्युनिकेशंस के स्वतंत्र निदेशक के खिलाफ इसी तरह के धोखाधड़ी वर्गीकरण आदेश पर हाईकोर्ट की पीठ द्वारा रोक लगाए जाने के 25 दिन बाद था।

    सीनियर एडवोकेट ने आगे बताया कि उनके मुवक्किल को अक्टूबर, 2023 को कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जिसका प्रारंभिक जवाब दाखिल किया गया था, लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद, बैंक ने 'फोरेंसिक रिपोर्ट' सहित वे दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं किए, जिन पर बैंक अधिकारियों ने उनके लोन अकाउंट को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करते समय कथित तौर पर भरोसा किया था।

    उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि केनरा बैंक ने अभी तक RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, लोन अकाउंट को धोखाधड़ी वाले के रूप में वर्गीकृत करने के लिए अपनी आंतरिक नीति नहीं बनाई है।

    दूसरी ओर, केनरा बैंक ने आरोपों का खंडन करते हुए जजों को बताया कि उसने 6 सितंबर, 2024 को लोन अकाउंट को धोखाधड़ी वाले के रूप में वर्गीकृत करने का आदेश पारित किया था और आदेश जारी होने के बाद ही RBI को इसकी सूचना दी गई थी।

    हालांकि, पीठ बैंक की दलीलों से प्रभावित नहीं हुई और उसे अंबानी की याचिका पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और याचिका में RBI को प्रतिवादी के रूप में शामिल करने का भी आदेश दिया।

    लेकिन अब बैंक ने संबंधित आदेश वापस ले लिया है, इसलिए पीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया।

    Case Title: Anil D Ambani vs Canara Bank [Writ Petition (Lodging) 3098 of 2025]

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