आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मूवी थियेटर में "टॉय गन" ले जाने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत दी

LiveLaw News Network

21 April 2022 2:06 PM IST

  • आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मूवी थियेटर में टॉय गन ले जाने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत दी

    आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 290 (सार्वजनिक उपद्रव), 506 (आपराधिक धमकी) सहपठित धारा 34 (आपराधिक कृत्य के लिए एक समान आशय) और आर्म एक्ट की धारा 25 के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत दी।

    जस्टिस चीकाती मानवेंद्रनाथ रॉय ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 290 और 506 के तहत किए गए अपराध जमानती अपराध हैं। इसके साथ ही आर्म एक्ट की धारा 25 के तहत प्रथम दृष्टया आरोप नहीं बनते हैं, क्योंकि याचिकाकर्ता द्वारा इस्तेमाल की गई बंदूक एक "टॉय गन" थी।

    कोर्ट ने कहा,

    "आईपीसी की धारा 290, 506 (2) के तहत दंडनीय अपराध प्रकृति में जमानती हैं। इसके अलावा, जहां तक ​​शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25 के तहत दंडनीय अपराध का संबंध है तो ए -1 के कब्जे से जब्त की गई पिस्तौल एयर गन है। यह एक टॉय गन है, इसलिए, प्रथम दृष्टया आर्म्स एक्ट की धारा 25 मामले के तथ्यों की ओर आकर्षित नहीं होती है।"

    अदालत के समक्ष मामला यह था कि याचिकाकर्ता 33 वर्षीय व्यक्ति है, जो फिल्म रिलीज की तारीख को एयर गन के साथ सिनेमाघर गया और बंदूक के साथ तस्वीर खिंचवाई। उसके द्वारा दिए गए उक्त पोज को मौके पर मौजूद मीडिया कर्मचारियों ने टेलीकास्ट करना शुरू कर दिया। लाइव टेलीकास्ट से पता चलने के बाद पुलिस सिनेमाघर आई और उक्त व्यक्ति को बंदूक के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसने पुलिस को सूचित किया कि बंदूक उसके जीजा ने अपने बच्चों के लिए उपहार के लिए ऑनलाइन खरीदी थी। इसके बाद पुलिस ने जीजा को भी गिरफ्तार कर लिया।

    कोर्ट ने दर्ज किया कि याचिकाकर्ता को उपरोक्त अपराध के संबंध में 25 मार्च, 2022 को गिरफ्तार किया गया और उसके जीजा को 26 मार्च, 2022 को उपरोक्त अपराध में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं।

    यह देखा गया कि आईपीसी की धारा 290, 506 (2) के तहत दंडनीय अपराध प्रकृति में जमानती हैं। जहां तक ​​आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 25 के तहत दंडनीय अपराध का संबंध है, ए-1 के कब्जे से जो पिस्टल जब्त की गई है वह एयर गन है। यह एक खिलौना बंदूक है। अतः प्रथम दृष्टया आर्म्स एक्ट की धारा 25 मामले के तथ्यों की ओर आकर्षित नहीं होती है

    कोर्ट ने यह भी देखा कि इस मामले में सात गवाहों से पूछताछ की गई है, जो साबित करता है कि उसके खिलाफ जांच में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इसे देखते हुए कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी।

    कोर्ट ने कहा,

    "दोनों आपराधिक याचिकाओं को स्वीकार किया जाता है। याचिकाकर्ताओं को 25,000 / - (पच्चीस हजार रुपये केवल) के बांड के निष्पादन पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है, जिनमें से प्रत्येक प्रथम श्रेणी के विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, पीथापुरम की संतुष्टि के लिए समान राशि के दो जमानतदार पेश करने होंगे।"

    ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



    Next Story