बीमा कवर होने के बावजूद निजी अस्पतालों द्वारा कथित तौर पर कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहाः गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

LiveLaw News Network

26 May 2021 11:00 AM GMT

  • बीमा कवर होने के बावजूद निजी अस्पतालों द्वारा कथित तौर पर कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहाः गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

    Gauhati High Court

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उस आवेदन पर असम सरकार से जवाब मांगा है,जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य के निजी अस्पताल COVID19 रोगियों को भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं।

    मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक की खंडपीठ के समक्ष लाॅयर एसोसिएशन, गुवाहाटी की तरफ से अधिवक्ता ए. चामुआ पेश हुए और उन्होंने आरोप लगाया कि असम में कोरोना से पीड़ित उन लोगों को भी निजी अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा है जिनके पास बीमा कवर है।

    उन्होंने प्रस्तुत किया कि यह भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है। प्राधिकरण ने 4 मार्च, 2020 के आदेश के तहत कोरोना रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए कई निर्देश जारी किए थे।

    नियामक प्राधिकरण ने आदेश दिया था किः

    जहां किसी प्रोडेक्ट में अस्पताल में भर्ती होना शामिल है, बीमाकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि कोरोना वायरस रोग (COVID19) से संबंधित मामलों को तेजी से संभाला जाए। इसमें आगे प्रावधान किया गया है कि क्वारंटाइन अवधि के दौरान उपचार सहित उपचार के दौरान स्वीकार्य चिकित्सा व्यय की लागत पॉलिसी अनुबंध के लागू नियमों और शर्तों और मौजूदा नियामक ढांचे के अनुसार भुगतान की जाएगी।

    आरोपों का खंडन करते हुए महाधिवक्ता डी. सैकिया ने प्रस्तुत किया कि उनकी ओर से जांच की गई है, जिसके तहत गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और बोंगाईगांव में 9 निजी अस्पतालों से संपर्क किया गया था और इन निजी अस्पतालों से उन्हें जो जवाब मिला था, वह यह है कि कई मामलों में देर से भुगतान के बावजूद, उन्होंने कोरोना से पीड़ित एक मरीज को भी प्रवेश देने से इनकार नहीं किया है, सिवाय कुछ मामलों में जहां अस्पताल के कर्मचारी भी कोरोना से पीड़ित थे।

    कोर्ट ने अब राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है ताकि कोर्ट इस पर मामले पर विचार करने की बेहतर स्थिति में हो। कोर्ट ने भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल आरकेडी चौधरी को भी निर्देश दिया है कि वह इस मामले में आईआरडीएआई से निर्देश प्राप्त करें।

    इससे पहले, बेंच ने एक बूढ़ी महिला के मामले को भी ध्यान में रखा, जिसे कथित तौर पर कैंसर से इलाज से वंचित कर दिया गया था क्योंकि वह कोरोना से पीड़ित थी।

    कोर्ट को बताया गया कि महिला इस समय अपने पति के साथ होम आइसोलेशन में है। कोर्ट ने अब इस आशय पर विस्तृत जवाब मांगा है, जिसे एक सप्ताह के भीतर दायर किया जाना है।

    केस का शीर्षकः लाॅयर एसोसिएशन, गुवाहाटी बनाम असम राज्य व अन्य


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