दुनिया की पहली महिला विकलांग पर्वतारोही के फंड के हेराफेरी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिश्तेदारों को अंतरिम जमानत दी

LiveLaw News Network

30 Jan 2021 3:57 PM GMT

  • दुनिया की पहली महिला विकलांग पर्वतारोही के फंड के हेराफेरी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिश्तेदारों को अंतरिम जमानत दी

    माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली महिला एम्‍प्यूटी पर्वतारोही अरुण‌िमा सिन्हा द्वारा बनाए गए ट्रस्ट से धन की हेराफेरी के आरोपी एक एक दंपति को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अंतरिम जमानत दे दी।

    सिन्हा ने अपनी बहन और बहनोई के खिलाफ लखनऊ के सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दोनों ने जाली दस्तावेजों और हस्ताक्षर के जर‌िए उनके सा‌थ 41,50,000 रुपए की धोखाधड़ी की और आवेदक/आरोपी से पैसे वापस करने को अनुरोध करने पर, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।

    इसके बाद दंपती के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 406, 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाज़ी) और आईपीसी की 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था और उन्हें 15 मई, 2020 को जेल में बंद कर दिया गया।

    अपनी जमानत याचिका में, दंपति ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके खिलाफ दायर की गई प्राथमिकी अस्पष्ट है और हेरफेर के आरोप का कोई स्पष्ट प्रमाण है। जस्टिस डीके सिंह की एकल पीठ ने आरोपियों को डेढ़ महीने की अंतरिम जमानत दी है, ताकि पक्षकारों को मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने में सक्षम बनाया जा सके।

    उन्होंने कहा, "अभियुक्त-आवेदक की ओर से पेश वकील ने कहा है कि आरोपी-आवेदक डेढ़ महीने की अवधि के लिए अंतरिम जमानत पर रह सकते हैं और इस अवधि में वह इस अदालत के समक्ष मध्यस्थता की प्रक्रिया के माध्यम से मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने का प्रयास करेंगे।"

    कोर्ट ने आगे दोनों पक्षों को 10 फरवरी 2021 को उच्च न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र के सामने पेश होने का निर्देश दिया। संबंधित मध्यस्थ से अनुरोध किया गया है कि कार्यवाही एक महीने के भीतर पूरी की जाए और उसके बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

    यह मामला अब 13 मार्च 2021 को विचार के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। आवेदकों का प्रतिनिधित्व एडवोकेट प्रदीप कुमार राय, देवांश मिश्रा, हरिओम शुक्ला, प्रतीक पांडे और प्रवीण कुमार शुक्ला ने किया। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता एके सिंह, एएस परिहार, मैत्रेयी सिंह पेश हुए।

    केस टाइटल: लक्ष्मी सिन्हा बनाम यूपी राज्य

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