इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के मकसद से नाबालिग की जबरन खतना कराने के आरोपी को अग्रिम जमानत दी

Shahadat

9 Sept 2022 10:21 AM IST

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के मकसद से नाबालिग की जबरन खतना कराने के आरोपी को अग्रिम जमानत दी

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को जुल्फिकार को अग्रिम जमानत दे दी, जिस पर धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से 9 वर्षीय लड़के का जबरन खतना कराने का आरोप लगाया गया है।

    जस्टिस सुरेश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने आदेश दिया कि आवेदक (जुल्फिकार) की गिरफ्तारी की स्थिति में उसे सीआरपीसी की धारा 173 (2) के तहत पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।

    लाइव लॉ को मिली एफआईआर के अनुसार, गाजियाबाद पुलिस को सोशल मीडिया के माध्यम से आवेदक के खिलाफ इस आरोप के साथ सूचना मिली कि उसने सही प्रक्रिया अपनाकर यानी 50/- रुपये के स्टाम्प पर 'गोदनामा' लिखकर और लिंग के बाहरी भाग को धारदार हथियार से काटकर 9 साल के लड़के का धर्म बदल दिया।

    आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323, 326, 120-बी, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75/80 और यूपी धर्म के विरुद्ध कानून धर्मांतरण निषेध अधिनियम की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज किया गया।

    इस पर उसने यह तर्क देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया कि वह निर्दोष है और उसे वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है। उसे बच्चे के धर्म परिवर्तन से कोई सरोकार नहीं है। उसने यह भी कहा कि बच्चे के पालक माता-पिता सोनी उर्फ ​​कुन्नी देवी और मिथलेश यादव ने उस बच्चा दिया था और उसने बच्चे को बबली और उमर मोहम्मद को दिया था।

    अदालत को आगे बताया गया कि बबली को निचली अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी है और सह-आरोपी उमर मोहम्मद को भी नियमित जमानत दी गई है, इसलिए उसे भी अग्रिम जमानत दी जा सकती है, क्योंकि वह मुकदमे में सहयोग करने के लिए तैयार है।

    इस पृष्ठभूमि में मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना आरोप की प्रकृति और इस तथ्य पर विचार करते हुए कि आवेदक मामले में अग्रिम जमानत पर रिहा होने का हकदार है, अदालत ने उसकी याचिका स्वीकार कर ली।

    हालांकि, जांच अधिकारी को निर्देश दिया गया कि आवेदक के वर्तमान अग्रिम जमानत आवेदन पर विचार और निर्णय करते समय अदालत द्वारा किए गए किसी भी अवलोकन के पूर्वाग्रह के बिना स्वतंत्र रूप से तीन महीने की अवधि के भीतर कानून के अनुसार मामले की जांच तेजी से पूरी की जाए।

    केस टाइटल- जुल्फिकार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य [आपराधिक विविध अग्रिम जमानत आवेदन सीआरपीसी की धारा 438 नंबर- 7968/2022]

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