इलाहाबाद हाईकोर्ट में उच्चतर न्यायिक सेवाओं के लिए अधिक आयु सीमा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

LiveLaw News Network

20 Feb 2021 8:32 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में उच्चतर न्यायिक सेवाओं के लिए अधिक आयु सीमा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवाओं के लिए आवेदन करने के लिए प्रकाशित एक विज्ञापन में निर्धारित आयु मानदंडों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

    न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एक खंडपीठ ने उसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और नोट किया कि विज्ञापन उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा नियम, 1975 के नियम 12 के अनुरूप है।

    खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा,

    "हम विज्ञापन में दिए नियम 12 को चुनौती देने के लिए कोई आधार नहीं पाते हैं।"

    पृष्ठभूमि

    याचिका एक आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार मुनेंद्र सिंह द्वारा दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि 12 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित किए गए विज्ञापन 1975 के नियमों के विपरीत था।

    उन्होंने कहा कि उनका जन्म 1 जनवरी 1973 को हुआ था और 1 जनवरी 2021 को उनकी उम्र 48 वर्ष होगी।

    उन्होंने कहा कि नियम 12 के अनुसार, वह परीक्षा देने के पात्र है, हालांकि विज्ञापन में दिए गए नियम 12 का उल्लंघन किया गया है, जिससे उसे रोका जा सकता है।

    उन्होंने जोर देकर कहा कि परीक्षा में उपस्थित होने के लिए 2 जनवरी, 2021 तक अधिकतम आयु 48 वर्ष होनी चाहिए और इस प्रकार विज्ञापन में दिए गए आयु संबंधि कॉज़ में हस्तक्षेप किया गया है।

    जाँच - परिणाम

    हाईकोर्ट ने कहा कि विज्ञापन में कोई दोष नहीं है, क्योंकि नियम 12 में आयु निर्धारण के लिए कट ऑफ आयु को भी 1 जनवरी से निर्धारित किया गया है।

    नियम 12 कहता है:

    "सीधी भर्ती के लिए एक उम्मीदवार को 35 वर्ष की आयु का होना चाहिए और उस वर्ष जनवरी के पहले दिन 45 वर्ष की आयु से कम का होना चाहिए, जिस वर्ष में आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित होते हैं;

    हालांकि कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों और ऐसी अन्य श्रेणियों के मामले में अधिक आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी गई है, जिन्हें समय-समय पर सरकार द्वारा अधिसूचित किया जा सकता है।"

    इस पृष्ठभूमि में बेंच ने फैसला सुनाया,

    "नियम के अनुसार, किसी को उस वर्ष जनवरी के पहले दिन 45 वर्ष की आयु का नहीं होना चाहिए, जिस वर्ष आवेदन पत्र आमंत्रित करने वाले विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। याचिकाकर्ता अन्य पिछड़ा वर्ग का उम्मीदवार होने के कारण आयु में तीन वर्ष की छूट का हकदार होता है। लेकिन नियमों के अनुसार, वह 01.01.2021 को निर्धारित आयु से अधिक होगा। यह इस कारण से है कि वह 01.01.2021 को 48 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेगा और इस प्रकार नियम के अनुसार चयन करने का हकदार नहीं होगा। जैसा कि 1975 के नियम 12 में संशोधन किया गया है। "

    केस का शीर्षक: मुनेंद्र सिंह बनाम इलाहाबाद हाईकोर्ट और अन्य।

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