इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएलएसए को 12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को मुआवजे के भुगतान के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया
Avanish Pathak
26 Sept 2022 4:33 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, बहराइच को 12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को मुआवजा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। पीड़िता की अवांछित गर्भावस्था को इस महीने की शुरुआत में हाईकोर्ट के आदेश के बाद समाप्त कर दिया गया था।
जस्टिस अत्ताउर्रहमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने डीएलएसए के सचिव को इस मामले को जिला प्राधिकरण के साथ उठाने और पीड़ित या उसके परिवार को मुआवजे की प्रचलित योजना यानि यूपी पीड़ित मुआवजा योजना, 2014, के अनुसार भुगतान के लिए किए गए प्रयासों के परिणाम के बारे में अदालत के वरिष्ठ रजिस्ट्रार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
अदालत 12 वर्षीय लड़की के मामले का निस्तारण कर रही थी, जिसके साथ अप्रैल 2022 में बलात्कार किया गया था। हालांकि, डर के कारण, उसने इस घटना के बारे में किसी को कुछ भी नहीं बताया। इसके बाद, अगस्त 2022 में उसने आखिरकार अपने माता-पिता को पूरी कहानी सुनाई और इस तरह, एक एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद, उसने अपने गृह जिले (बहराइच) के संबंधित अधिकारियों के समक्ष एक अभ्यावेदन दिया, हालांकि, उस पर कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई और इस प्रकार, पीड़िता के पिता ने मौजूदा रिट याचिका के साथ हाईकोर्ट में बेटी की अवांछित गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग की।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 सितंबर को 12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की 24 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए उसके समक्ष दायर रिट याचिका को अनुमति दी थी। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए जस्टिस अत्ताउर्ररहमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने न्याय के हित में गर्भावस्था को खत्म करने की अनुमति दी।
गर्भावस्था की समाप्ति के बाद, पीड़िता को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और वह फिलहाल अपने प्राकृतिक माता-पिता के संरक्षण में है। 20 सितंबर को पीड़िता के पिता ने पीड़िता के पुनर्वास की गुहार लगाई थी। यह प्रस्तुत किया गया था कि सरकार ने एक योजना बनाई है, जिसके तहत बलात्कार पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे आम नागरिकों की तरह सामान्य जीवन जी सकें।
बताया गया कि पीड़िता एक नाजुक स्थिति से गुजर रही है और इस संबंध में लागू योजना के लाभ का दावा करने के लिए कानूनी सेवाओं सहित हर तरह की मदद पर निर्भर है।
इसे देखते हुए, न्यायालय ने निम्नलिखित निर्देश जारी करते हुए याचिका का निपटारा किया, "तदनुसार, हम सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच को निर्देश देते हैं कि पीड़ित को सभी आवश्यक कानूनी सहायता और सहायता सुनिश्चित करें और यह सुनिश्चित करें कि याचिकाकर्ता को मुआवजा बिना किसी देरी के प्रदान किया जाए। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच द्वारा मुआवजे के भुगतान के लिए सभी आवश्यक कदम शीघ्रता से उठाए जाएं।"
केस टाइटल- मिस एक्स कानूनी अभिभावक भरत लाल के माध्यम से बनाम यूपी राज्य, प्रधान सचिव, डिपार्टमेंट होम सिविल सेक्रेटेरिएट, लखनऊ के माध्यम से अन्य [WRIT - C No. - 6102 of 2022]