इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी ही बेटी से रेप करने की कोशिश करने व फेसबुक पर उसकी न्यूड तस्वीरें अपलोड करने वाले व्यक्ति की जमानत खारिज की
LiveLaw News Network
20 April 2022 5:45 AM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उस व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है,जिस पर अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार करने की कोशिश करने और उसकी तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड करने का आरोप लगाया गया है।
जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने आरोपी-आवेदक और पीड़िता के बीच के संबंध, अपराध की जघन्यता, अपराध के सामाजिक प्रभाव और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़िता द्वारा दर्ज कराए गए बयान पर विचार करते हुए नौशाद अली को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
आवेदक-आरोपी ने यह जमानत आवेदन किया था, जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 511, 504, 506, 120 बी और सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 67 के तहत पुलिस स्टेशन-सहादतगंज, जिला लखनऊ में मामला दर्ज किया गया है।
मामले के तथ्यों को बेहद परेशान करने वाला और चौंकाने वाला बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की शिकायतकर्ता/पीड़िता आरोपी-आवेदक की बेटी है, जिसने आरोप लगाया है कि उसके पिता (आरोपी-आवेदक) की वर्ष 2014 से उस पर बुरी नजर थी और वह उसे गलत तरीके से छूता था।
उसने आगे आरोप लगाया कि एक रात, उसने उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की और जब उसने विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट की। यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी आवेदक ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पीड़िता की नग्न तस्वीरें अपलोड की हैं।
आरोपी-आवेदक पीड़िता को धमकी भी देता था कि वह उसे मार डालेगा और धार्मिक गुरुओं के खिलाफ आरोप लगा दिए जाएंगे। आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए राज्य ने बताया कि आरोपी आवेदक के खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आरोपी-आवेदक और पीड़िता के बीच के संबंध, अपराध की जघन्यता, अपराध के सामाजिक प्रभाव और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान और जांच के दौरान पुलिस द्वारा एकत्र किए गए सबूतों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने आरोपी-आवेदक को जमानत पर रिहा करना उचित नहीं समझा।
इस प्रकार जमानत आवेदन को इस स्तर पर खारिज कर दिया गया। इसके अलावा, यह देखते हुए कि आरोपी आवेदक अगस्त 2019 से जेल में है, अदालत ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह मुकदमे की सुनवाई में तेजी लाए और एक साल की अवधि के भीतर सुनवाई पूरी कर ले।
आवेदक के लिए वकील - अवनीश कुमार भट्ट, देवेश देव भट्ट, मनोज कुमार मिश्रा, मोहम्मद शहंशाह नवाज खान
प्रतिवादी के लिए वकील - जी.ए, अरुण सिन्हा, हेमंत कुमार पांडे, रियाज अहमद
केस का शीर्षक - नौशाद अली (दूसरा जमानत आवेदन) बनाम यूपी राज्य, प्रमुख सचिव,गृह लखनऊ के जरिए
साइटेशन- 2022 लाइव लॉ (एएलएल) 186
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