कथित तौर पर पुलिस हिरासत से गायब होने का मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लापता बीएचयू छात्र के मामले में लिया संज्ञान

LiveLaw News Network

20 Aug 2020 12:35 PM GMT

  • कथित तौर पर पुलिस हिरासत से गायब होने का मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लापता बीएचयू छात्र के मामले में लिया संज्ञान

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उस पत्र याचिका पर संज्ञान ले लिया है,जो मुख्य न्यायाधीश को वाराणसी से लापता एक छात्र के संबंध में लिखा गया था। इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि छह महीने पहले यह छात्र कथित रूप से पुलिस हिरासत से गायब हो गया था।

    मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही सरकारी वकील को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई पर संक्षिप्त जवाबी हलफनामे के रूप में तथ्यों का पूरा विवरण दायर करें।

    बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पूर्व छात्र अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजा था। जिसमें एक गरीब पिता की दुर्दशा पर प्रकाश डाला गया है, जो अपने बेटे शिव कुमार त्रिवेदी के साथ संपर्क स्थापित करने में असमर्थ है। जो बीएचयू में बी.एससी दूसरे वर्ष का छात्र था और 12 फरवरी, 2020 से लापता है।

    पत्र में बताए गए तथ्यों के अनुसार, त्रिवेदी को कुछ पुलिस कर्मियों ने एम.पी. थिएटर ग्राउंड, बीएचयू से उक्त तिथि को उठाया था। जिसके बाद उसे पुलिस स्टेशन लंका, जिला वाराणसी ले जाया गया था। तब से वह छात्र गायब है। उसके पिता ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी कई शिकायतें की। वहीं आईजीआरएस में शिकायतें दायर की गई परंतु सब व्यर्थ रहा है।

    यह भी बताया गया है कि त्रिवेदी के खिलाफ एक साथी छात्र ने 112 नंबर पर कॉल की थी,जिसके बाद उसे थिएटर ग्राउंड से उठाया गया था। इस साथी छात्र ने बताया था कि त्रिवेदी वहां पर अचेतन/असामान्य अवस्था में खड़ा है। हालांकि, पुलिस ने इस बात से इंकार किया था कि त्रिवेदी को लंका पुलिस स्टेशन लाया गया था। परंतु जब 112 नंबर पर कॉल करने के सबूत पेश किए गए तो पुलिस को यह मानना पड़ा कि वह त्रिवेदी को लंका स्टेशन लाए थे।

    पत्र के अनुसार, पुलिस ने अब इस बात को स्वीकार कर लिया है कि 12 फरवरी की रात त्रिवेदी लंका पुलिस स्टेशन में था। हालांकि उन्होंने इसके अलावा लापता छात्र के बारे में कोई अन्य विवरण नहीं दिया है।

    इन दलीलों के आधार पर कोर्ट ने इस पत्र को हैबियस कॉर्पस की प्रकृति में एक रिट याचिका के तौर पर मानते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है।

    कोर्ट ने कहा कि ''इस याचिका के आधार पर सरकारी वकील के जरिए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिला वाराणसी ,पुलिस स्टेशन लंका के स्टेशन हाउस अधिकारी को नोटिस जारी किया जा रहा है।''

    इस मामले में अब अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।

    मामले का विवरण-

    केस शीर्षक- सौरभ तिवारी बनाम यूपी राज्य

    केस नंबर-पीआईएल नंबर 819/2020

    कोरम- मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति समित गोपाल

    आदेश की काॅपी डाउनलोड करें।



    पत्र की काॅपी डाउनलोड करें।



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