कृष्ण जन्मभूमि विवाद: मथुरा कोर्ट में लंबित मुकदमों को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Sharafat

3 May 2023 3:20 PM GMT

  • कृष्ण जन्मभूमि विवाद: मथुरा कोर्ट में लंबित मुकदमों को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित विभिन्न राहतों के लिए प्रार्थना करने वाली मथुरा अदालत के समक्ष लंबित मुकदमों को हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

    जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा- I की खंडपीठ ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और 7 अन्य द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका पर विचार करने और सुनवाई के लिए सहमत होने के हफ्तों बाद आज आदेश सुरक्षित रख लिया।

    स्थानांतरण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका

    एडवोकेट प्रभाष पांडे और प्रदीप कुमार शर्मा के माध्यम से दायर स्थानांतरण याचिका को इस आधार पर स्थानांतरित किया गया है कि मथुरा कोर्ट के समक्ष लंबित मुकदमों में शामिल मुद्दे भगवान कृष्ण के करोड़ों भक्तों से संबंधित हैं और यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है इसलिए एचसी में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

    यह आगे प्रस्तुत किया गया कि कानून के पर्याप्त प्रश्न और भारत के संविधान की व्याख्या से संबंधित कई प्रश्न जो मथुरा न्यायालय के समक्ष लंबित मुकदमों में शामिल हैं, उन्हें हाईकोर्ट द्वारा आसानी से तय किया जा सकता है।

    यह प्रार्थना की गई है कि हाईकोर्ट को लंबित मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित करने के लिए नागरिक प्रक्रिया संहिता की धारा 24(1)(बी) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।

    उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, प्रबंधन ट्रस्ट की समिति, शाही मस्जिद, मथुरा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान इस मामले में प्रतिवादी हैं।

    याचिका में प्रार्थना की गई है कि सभी मामलों को एक अदालत में स्थानांतरित किया जा सकता है और यदि संभव हो तो मथुरा जजशिप के वरिष्ठतम न्यायालय यानी जिला न्यायाधीश, मथुरा के न्यायालय में निपटारा किया जा सकता है ताकि समान मुद्दों पर विभिन्न न्यायालयों के अलग-अलग फैसलों की संभावना से बचा जा सके।

    याचिका का विरोध करते हुए यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील, पुनीत कुमार गुप्ता ने 1 फरवरी को तर्क दिया कि स्थानांतरण याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसके बजाय, संविधान के अनुच्छेद 228 के तहत एक आवेदन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि आवेदक अकेले अन्य मामलों में पार्टियों की ओर से स्थानांतरण आवेदन दाखिल नहीं कर सकते हैं और उन्हें मामले में भी सुना जाना चाहिए।

    संबंधित समाचार में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की एक अदालत को निर्देश दिया कि वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह भूमि विवाद से संबंधित मुकदमे का फैसला मथुरा जिला जज की ओर से 19 मई 2022 के आदेश में मामले के गुण-दोषों/विवादास्पद मुद्दों पर की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना करे।

    उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश ने मथुरा में श्री कृष्ण मंदिर परिसर से सटे शाही ईदगाह (मस्जिद) को हटाने और देवता-भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को 13.37 एकड़ भूमि का हस्तांतरण करने की मांग करने वाले मुकदमे की सुनवाई फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

    उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मथुरा जिला अदालत के 19 मई के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अगस्त 2022 में मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जिला जज ने अपने फैसले में कहा था कि कथित तौर पर श्रीकृष्ण जन्म भूमि की भूमि पर निर्मित शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने का मुकदमा सुनवाई योग्य था।

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