इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नशे की हालत में एसओ से बदसलूकी करने वाले पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ जारी सेवा बर्खास्तगी आदेश रद्द किया

Shahadat

19 May 2022 11:15 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल के खिलाफ पारित आदेश को खारिज कर दिया। उक्त कांस्टेबल को कथित तौर पर सेवा से हटा दिया गया था, क्योंकि उसने स्टेशन अधिकारी के साथ नशे की हालत में बदसलूकी की थी।

    जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि कांस्टेबल नशे की हालत में था, इसलिए याचिकाकर्ता को शराब की गंध आ रही थी, जिसकी वजह से उनके बीच बहस हुई।

    अदालत ने इसे जांच अधिकारी की ओर से बिल्कुल गलत निर्णय बताते हुए पुलिस अधीक्षक, ललितपुर द्वारा उन्हें सेवाओं से बर्खास्त करने के आदेश दिनांक 31.10.2009 को रद्द कर दिया।

    अदालत ने पुलिस उप महानिरीक्षक, झांसी रेंज, झांसी और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार), उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा उनकी सेवा से बर्खास्तगी की पुष्टि करने वाले आदेशों को भी रद्द कर दिया।

    अदालत ने यह भी नोट किया कि उस समय न तो कोई यूरिन जांच की गई और न ही कोई ब्लड टेस्ट किया गया, जब यह आरोप लगाया गया कि कांस्टेबल ने शराब के नशे में स्टेशन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया था।

    कोर्ट ने जोड़ा,

    "जिस क्षण नशे के संबंध में आरोप लगाया गया उस वक्त या तो यूरिन टेस्ट होना चाहिए था या ब्लड टेस्ट किया जाना चाहिए था। इन दो टेस्ट के अभाव में जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट गलत हो जाती है।"

    न्यायालय ने आगे कहा कि जब अनुशासनात्मक प्राधिकारी याचिकाकर्ता को दंडित कर रहा था तो उसे इस तथ्य पर विचार करना चाहिए था कि याचिकाकर्ता ने किसी भी तरह की गतिविधि में शामिल नहीं किया, जिसे "अनुशासनहीनता" कहा जा सकता है।

    ऐसी परिस्थितियों में न्यायालय का मत था कि आक्षेपित आदेशों को कानून की नजर में कायम नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही यह निर्देश देते हुए कि याचिकाकर्ता सभी परिणामी लाभों का हकदार होगा, रिट याचिका को अनुमति दे दी गई।

    केस टाइटल- दशरथ सिंह बनाम यू.पी. राज्य और अन्य [WRIT - A No. - 2010 का 42698]

    केस साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (एबी) 246

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