"प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ" : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीफ बेचने के लाइसेंस कैंसिल करने के यूपी सरकार के आदेश को रद्द किया

LiveLaw News Network

6 Sep 2021 4:28 PM GMT

  • प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीफ बेचने के लाइसेंस कैंसिल करने के यूपी सरकार के आदेश को रद्द किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी के एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत इकरार हुसैन नाम के एक व्यक्ति को प्राप्त खुदरा विक्रेता लाइसेंस रद्द कर दिया था, जबकि यह लाइसेंस 21 जनवरी, 2022 तक वैध था।

    लाइसेंस रद्द करने का आधार यह था कि याचिकाकर्ता खुदरा विक्रेता हुसैन भैंस का मांस बेचने का व्यवसाय करता है, जिससे एक विशेष समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची।

    न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि सरकारी वकील को दिए गए निर्देशों में उपरोक्त याचिका से इनकार नहीं किया गया और न ही निर्देशों के साथ ऐसी कोई सामग्री संलग्न की गई, जो यह दर्शाए कि कोई नोटिस या सुनवाई का अवसर आक्षेपित आदेश पारित करने से पूर्व याचिकाकर्ता को दिया गया हो।

    इसलिए न्यायालय ने माना कि आक्षेपित आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन में पारित किया गया और तदनुसार इसे रद्द कर किया जाता है। याचिकाकर्ता को नोटिस और सुनवाई के अवसर के बाद एक नया आदेश पारित करने के लिए प्रतिवादियों को स्वतंत्रता दी गई।

    हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 3 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत पारित एक निरोध आदेश को रद्द कर दिया था, जिन पर एक घर में गुप्त रूप से बेचने के उद्देश्य से गोमांस के छोटे टुकड़े काटने का आरोप लगाया गया था।

    केस का शीर्षक - इकरार हुसैन बनाम यू.पी. राज्य और 3 अन्य

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