इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों को पुलिस के रिपोर्ट फाइल होने तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की
LiveLaw News Network
16 Nov 2020 11:40 AM IST

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया कि धारा 173 (2) Cr.P.C के तहत पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक दो सीएए विरोध प्रदर्शन करने के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
न्यायमूर्ति बच्चू लाल और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की पीठ ने आरोपियों की एफआईआर को खारिज करने की मांग वाली रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 6 मार्च 2020 को आरोपियों पर आईपीसी की धारा 124 ए और 153-बी के तहत एफ.आई.आर दर्ज की गई थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ताओं का नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में नहीं है। याचिकाकर्ता नंबर -2- शुबिबुर का नाम सूचना देने वाले संतोष कुमार दुबे, एस.एच.ओ, पुलिस स्टेशन करीली के दूसरे बयान में प्रकाश में आया। इसके बाद सह-अभियुक्त फजल खान ने याचिकाकर्ताओं के नाम का खुलासा किया।
या भी प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ताओं को कथित अपराध से जोड़ने के लिए रिकॉर्ड पर कोई भी अस्पष्ट सबूत नहीं है। न तो याचिकाकर्ताओं ने कथित अपराध किया है और न ही वे कथित घटना में शामिल थे। वर्तमान मामले में याचिकाकर्ताओं को केवल उत्पीड़न के उद्देश्य से गलत तरीके से फंसाया गया है। याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई अपराध नहीं किया जाता है, इसलिए एफ.आई.आर. रद्द करने योग्य है।
ए.जी.ए. ने एफ.आई.आर. को रद्द करने प्रार्थना का विरोध किया और तर्क दिया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रथम दृष्टया में लगाए गए आरोपों पर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ एक संज्ञेय अपराध बनाया गया है, इसलिए, एफ.आई.आर. रद्द नहीं की जा सकती है।
पीठ ने आदेश दिया,
"मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमें एफआईआर रद्द करने का कोई आधार नहीं मिलता है। इसलिए, मामले को खारिज किया जाता है। हालांकि मामले के तथ्यों और याचिकाकर्ता के वकील की प्रस्तुतियों के बाद हम इस रिट याचिका का निपटारा इस निर्देश के साथ करते हैं कि धारा 173 (2) Cr.PC के तहत पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक याचिकाकर्ताओं को उपरोक्त मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, बशर्ते कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेंगे।"
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