इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन सहायक शिक्षक अभ्यर्थियों को राहत दी है, जिनकी भर्ती आवेदन पत्र में गड़बड़ी के कारण रद्द कर दी गई थी

Avanish Pathak

7 Dec 2022 2:14 PM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन सहायक शिक्षक अभ्यर्थियों को राहत दी है, जिनकी भर्ती आवेदन पत्र में गड़बड़ी के कारण रद्द कर दी गई थी

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में शामिल रहे कुछ अभ्यर्थियों को सोमवार को राहत प्रदान की। "शिक्षा मित्र" संबंधित आवेदन पत्र में उल्लिखित विसंगतियों/ त्रुटियों के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी।

    जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि यदि कोई उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन में कुछ ऐसी जानकारी देता है, जिससे वह खुद को वंचित स्थिति में पाता है तो उसकी उम्मीदवारी रद्द नहीं की जाएगी।

    इस संबंध में, अदालत ने ज्योति यादव और अन्य बनाम यूपी राज्य और अन्य। [WP 322 of 2021] और राहुल कुमार बनाम यूपी राज्य और अन्य [WP 378 of 2021] के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के दो निर्णयों का उल्‍लेख किया, जिसमें यह फैसला दिया गया था कि यदि कोई उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन में कुछ जानकारी देता है, जो वास्तविक जानकारी के अनुरूप नहीं है, लेकिन उसे किसी लाभप्रद स्थिति में नहीं डालती है, ऐसी गलत सूचना, अपने आप में उम्मीदवारी को अस्वीकार करने का आधार नहीं हो सकती है।

    इसके साथ ही कोर्ट ने 100 से अधिक अभ्यर्थियों को राहत देते हुए अधिकारियों को निम्नलिखित आदेश/निर्देश जारी किए:

    (i) सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्वोक्त निर्णयों में की गई टिप्पणियों के आलोक में सक्षम प्राधिकारी द्वारा शिक्षा मित्र से संबंधित मुद्दे की फिर से जांच की जाए;

    (ii) शिक्षा मित्र के संबंध में उनके द्वारा की गई त्रुटि के कारण उम्मीदवारों की उम्मीदवारी को खारिज करने वाले सभी विवादित आदेश रद्द किए जाते हैं;

    (iii) यह स्पष्ट किया जाता है कि जिन उम्मीदवारों का नाम 12.5.2020 की चयन सूची में नहीं है, उन्हें अंकों के बदलाव से कोई लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि उनकी मेरिट पोजिशन इस कारण से नहीं बदली जाएगी क्योंकि ऐसा करने की इस स्तर पर अनुमति दी जाती है तो यह पूरी चयन प्रक्रिया को खोल देगा, जो इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश की भावना नहीं है;

    (iv) इन मामलों को सुप्रीम कोर्ट के पूर्वोक्त निर्णय पर विचार करने और उस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए संबंधित जिले के प्राधिकरण को फिर से जांच के लिए प्रेषित किया जाता है।

    (v) संबंधित रिट याचिका को संबंधित उम्मीदवार के प्रतिनिधित्व के रूप में मानते हुए, इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से आठ सप्ताह की अवधि के भीतर सक्षम प्राधिकारी द्वारा पूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी;

    (vi) यह भी निर्देश दिया जाता है कि यदि कोई उम्मीदवार नियुक्ति के लिए पात्र पाया जाता है और उपरोक्त निर्देशों के अनुसार उसके मामले की समीक्षा के बाद उसे नियुक्ति की पेशकश की जाती है, तो उसे उस तारीख से सभी लाभ मिलेंगे, जब वह सेवा में शामिल हो जाता है।

    (vii) संबंधित प्राधिकारी द्वारा शुरू की गई कोई भी रिकवरी कार्यवाही अस्थगित रखी जाएगी और संबंधित जिले के सक्षम प्राधिकारी के निर्णय/परिणाम के अधीन होगी।

    न्यायालय उम्मीदवारों / याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं के एक समूह से निपट रहा था, जिनकी वर्ष 2019 में प्राथमिक विद्यालय में यूपी सहायक शिक्षक के पद के लिए उम्मीदवारी या तो ऑनलाइन आवेदन और / या ऑनलाइन आवेदन और उक्त उम्मीदवार की वास्तविक स्थिति के बीच विसंगति के कारण उचित नहीं पाई गई थी।

    केस टाइटल- विजय गुप्ता बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा लखनऊ के माध्यम से और अन्य संबंधित मामलों के साथ

    केस साइटेशन: 2022 लाइवलॉ (एबी) 520

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