इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विदेशी अधिनियम के उल्लंघन के अपराध में गिरफ़्तार शरण मांगने वाले म्यांमार के तीन लोगों को ज़मानत दी
LiveLaw News Network
8 March 2020 11:00 AM IST
शरण मांगने वाले म्यांमार के तीन लोगों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है। ये लोग विदेशी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में पिछले चार माह से जेल में बंद थे।
गुरुवार को तीन अलग-अलग आदेशों में न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने फ़ुरकान हुसैन ऊर्फ़ विन कोको; नौमान अली ऊर्फ़ सोए कोको और मोहम्मद रिज़वान खान ऊर्फ़ शाइन कोको को ज़मानत दे दी। इन तीनों लोगों ने संयुक राष्ट्र संघ शरणार्थी आयुक्त को शरण के लिए अपना आवेदन दिया था। हालांकि, पर बर्मा (म्यांमार) के उनके पासपोर्ट पर नाम अलग थे।
इस वजह से उन पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत धोखाधड़ी और विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 के तहत ग़ैरक़ानूनी रूप से रहने का आरोप लगा। जब उनकी ज़मानत याचिका गुरुवार को सुनवाई के लिए आयी, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले को टालने और बार बार स्थगन लेने के लिए खिंचाई की।
"जिस ढीले-ढाले तरीक़े से इस आवेदन पर आगे बढ़ रही है, इस अदालत को उपलब्ध सबूतों के आधार पर इस मामले का निर्णय लेने को बाध्य होना पड़ेगा," अदालत ने कहा।
इस बार पर ग़ौर करते हुए कि केंद्र सरकार इस बात से इंकार नहीं कर सकती कि ये नाम इन आवेदकों के ही ऊर्फ़ नाम हैं और इसके बाद ज़मानत की उनकी याचिका स्वीकार कर ली। उन्हें संबंधित सीजेएम के समक्ष श्योरिटी के बदले ₹50,000 का बॉंड भरने और इतनी ही राशि के निजी मुचलके का आदेश दिया।
अदालत ने उन्हें अपने पासपोर्ट जमा करने को और संबंधित निचली अदालत की अनुमति के बिना शामली ज़िला की सीमा से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि उनका यह आदेश ज़मानत के बारे में है, मामले को लेकर नहीं। निचली अदालत को इस मामले की सुनवाई तेज़ी से करने को कहा गया है और 12 महीने के भीतर इसे पूरा कर लेने को कहा है और इस बीच किसी भी पक्ष को अनावश्यक स्थगन नहीं देने को कहा है।