इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस साजिश मामले में सिद्दीकी कप्पन के सह-आरोपी को जमानत दी
Avanish Pathak
23 Aug 2022 9:18 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस षडयंत्र मामले में सिद्दीकी कप्पन के सह-आरोपी कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि उसके कब्जे से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई थी।
यूएपीए के आरोपी आलम, जिसे 5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था, उन्हें जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की खंडपीठ ने जमानत दे दी क्योंकि कोर्ट ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों में अपीलकर्ता की संलिप्तता नहीं पाई गई।
महत्वपूर्ण रूप से कोर्ट ने उनके मामले को सिद्धिक कप्पन (मामले में एक सह-आरोपी और जिन्हें हाल ही में जमानत नहीं दी गई थी) से अलग करते हुए अदालत ने कहा कि कप्पन के कब्जे से कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी, ऐसी कोई भी आपत्तिजनक सामग्री आलम के कब्जे से बरामद नहीं की गई थी।
कोर्ट ने कहा,
"इस आरोपी-अपीलकर्ता का मामला सह-आरोपी सिद्दीक कप्पन के मामले से अलग है क्योंकि कप्पन के कब्जे से कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। वह एक प्रेस रिपोर्टर है और उसके पास से उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन, आपत्तिजनक लेख और वीडियो क्लिप बरामद किए गए थे। बेशक, वर्तमान आरोपी-अपीलकर्ता के कब्जे से ऐसी कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है।"
अपीलकर्ता के खिलाफ आरोप कि वह दानिश नामक शख्स का रिश्तेदार है, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि है और वह दिल्ली दंगों में शामिल था, अदालत ने कहा कि हालांकि वह दानिश का रिश्तेदार था, अभियोजन पक्ष साबित नहीं कर सका कि वह आतंकवादी गतिविधियों और आतंकवादी फंडिंग आदि के संबंध में उसके साथ किसी भी तरह से जुड़ा था।
अदालत ने विशेष रूप से कहा कि चूंकि उसके कब्जे से केवल एक मोबाइल फोन बरामद किया गया था और उस मोबाइल फोन में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली थी, इसलिए इस मामले में एनआईए बनाम जहूर अहमद शाह वटाली निर्धारित कानून लागू नहीं किया गया था।
शुरुआत में, अदालत ने पाया कि कोई आपत्तिजनक लेख नहीं मिला है और मोबाइल फोन से ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली है जिससे यह पता चले कि आलम का आतंकवादी गतिविधियों से संबंध है।
यह मानते हुए कि कोर्ट के सामने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया गया कि जिससे ये दिखे कि अपीलकर्ता जमानत पर रिहा हो जाएगा तो गवाहों को मामले में गवाही देने के लिए आतंकित करेगा या उसके फरार होने की संभावना है, अदालत ने उसे जमानत पर रिहा करने के का फैसला किया।
मामला
अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार, मोहम्मद आलम को तीन अन्य आरोपियों (कप्पन सहित) के साथ छह स्मार्टफोन, एक लैपटॉप और पैम्फलेट के साथ गिरफ्तार किया गया था( उस समय वे हाथरस जा रहे थे। एफआईआर में आरोप लगाया गया कि वह और अन्य आरोपी हाथरस जा रहे थे, जहां बलात्कार और हत्या की दुर्भाग्यपूर्ण घटना जाति संघर्ष और दंगे भड़काने के इरादे से की गई थी।
केस टाइटल- आलम @ मोहम्मद आलम बनाम स्टेट ऑफ यूपी और अन्य
केस साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (एबी) 385